द्वितिय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर 6 अगस्त 1945 को सवा आठ बजे अमेरिका ने परमाणु बम गिराया. इस बम का नाम लिटल ब्वॉय था. इस हमले में करीब 80 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. शहर के 30 फीसदी लोगों की मौत तत्काल हो गई थी. वहीं, परमाणु विकिरण के कारण हजारों लोग सालों बाद भी अपना जान गंवाते रहे थे. इस हमले के बाद 9 अगस्त को नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम फेंका था.
जानिए हिरोशिमा परमाणु हमले से सबंधित कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स :
1. इस बम के कारण जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी.
2. बम हिरोशिमा के तय जगह पर नहीं गिराया जा सका था, यह हिरोशिमा के आइयो ब्रिज के पास गिरने वाला था मगर उल्टी दिशा में बह रहे हवा के कारण यह अपने लक्ष्य से हटकर शीमा सर्जीकल क्लिनीक पर गिरा.
3. कनेर (ओलियंडर) नाम का फूल इस हमले के बाद सबसे पहले खिला था. यह हिरोशिमा का ऑफिशियल फूल है.
4. यूएस एयरफोर्स के जवानों ने हमले से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए पर्चा गिराया था.
5. एनोला गे नाम के अमेरिकी बी-29 बॉम्बर से परमाणु बम गिराया गया था.
6. परमाणु बम तकरीबन 4000 किलोग्राम का था.
7. परमाणु हमले में कुछ पुलिसवालों ने अपनी जान एटॉमिक चमक दिखने के बाद खास तरीके से छुपकर बचाई थी. इस प्रक्रिया को 'डक एंड कवर' कहा जाता है. इन पुलिसवालों ने नागासाकी जाकर बचाव के इस तरीके की जानकारी दी. जिससे नागासाकी परमाणु हमले में काफी लोगों ने अपनी जान बचाई.
8. लिटल ब्वॉय को मैनहट्टन प्रोजेक्ट के तहत लॉस अलामोस में तैयार किया गया था.
9. परमाणु बम के कारण शहर के 90 फीसदी डॉक्टर मारे गए थे. इस कारण घायल होने वालों का इलाज जल्द से जल्द संभव नहीं हो पाया.
10. हिरोशिमा के इंडस्ट्री प्रोमोशनल बिल्डिंग को हमले के बाद पीस मेमोरियल के रूप में बनाया गया.
11. धमाके से 3900 डिग्री सेल्सियस तापमान गर्मी और 1005 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली आंधी पैदा हुई.
12. इस बम में 6.4 किलोग्राम प्लूटोनियम था.
13. अगर जापान 14 अगस्त को सरेंडर नहीं करता तो अमेरिका ने 19 अगस्त को एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी.