scorecardresearch
 

29 अक्टूबर 2005 की वो शाम, जब दिल्ली वालों ने देखा था मौत का मंजर

29 अक्टूबर 2005. दिल्ली के साथ-साथ पूरे भारत को हिला देने वाली यह तारीख आज भी रोंगटे खड़ी कर देती है. सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में सीरियल बम ब्लास्ट को आज 12 साल हो गए हैं. जानें उस खौफनाक शाम के बारे में...

Advertisement
X
12 years of delhi sarojini nagar bomb blast
12 years of delhi sarojini nagar bomb blast

Advertisement

दिल्ली में 29 अक्टूबर, 2005 में दिवाली से 2 दिन पहले यानी धनतेरस के दिन हुए सीरियल बम ब्लास्ट को 12 साल हो गए हैं. आज भी कई परिवार वाले इस दिन को याद कर रोने लगते हैं. इस ब्लास्ट में किसी ने अपने भाई को खोया तो किसी का पूरा घर ही बर्बाद हो गया. 29 अक्टूबर 2005 की इस घटना ने दिल्ली के साथ-साथ पूरे भारत को झकझोर के रख दिया.

सरोजनी नगर के अलावा पहाड़गंज और गोविंदपुरी में भी बम ब्लास्ट हुए थे. इन सीरियल बम धमाकों में 60 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

400 साल पुराना है केदारनाथ मंदिर का इतिहास, खास पत्थरों से हुआ निर्माण

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सीरियल ब्लास्ट में तीन अलग-अलग जगहों पर धमाके हुए थे जिनमें से सबसे पहला धमाका शाम के करीब 5:30 बजे भारी भीड़ वाले इलाके पहाड़गंज में हुआ था. ठीक आधे घंटे बाद लगभग 6 बजे एक और व्यस्त बाजार सरोजनी नगर में दूसरा बम धमाका हुआ. ये धमाके बस, कार और बाइक में हुए थे.

Advertisement

ब्लास्ट के पीछे लश्कर-ए-तोएबा का हाथ

दिल्ली के सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में हुए इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैएबा का हाथ माना गया. कोर्ट ने तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिली और मोहम्मद रफीक शाह पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे.

भारत का ये वित्त मंत्री बना था पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री

दिल्ली में अब तक के बड़े आतंकी हमले

- 22 दिसंबर 2000 को लाल किले पर हमला

- 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला

-  29 अक्टूबर 2005 को 3 जगहों पर धमाके

- 13 सितंबर 2008 को सीपी सहित 4 जगहों पर ब्लास्ट

60 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा घायल

– पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह ने मिलकर साजिश में रची थी.

– डार मास्टरमाइंड है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव है.

– पहला ब्लास्ट पहाड़गंज के मेन बाजार में (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक) करीब 5.38 पर हुआ था.

1 हजार साल पुराना है कैटेलोनिया का इतिहास, जानें-किस वजह से बना नया देश

– दूसरा ब्लास्ट गोविंदपुरी इलाके में एक बस में शाम 6.00 बजे हुआ था.

Advertisement

– कुछ ही मिनटों में तीसरा धमाका 6.05 पर साउथ दिल्ली के सबसे बिजी मार्केट सरोजनी नगर में हुआ था.

– इन धमाकों में करीब 60 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

बता दें राजधानी दिल्‍ली में सितंबर 2008 में पांच सीरियल धमाके हुए थे. करोल बाग में एक, कनॉट प्‍लेस में दो और ग्रेटर कैलाश में दो ब्लास्ट हुआ था. इन धमाकों के बाद कई गिरफ्तारियां हुईं और लोगों से पूछताछ की गई.

भले ही आज दिल्ली सीरियल बम धमाके को 12 साल हो चुके हैं पर आज भी कई लोग ऐसे हैं जो अभी भी इसी आस में जी रहे हैं कि उनके अपने वापस लौट आएंगे.

Advertisement
Advertisement