एक समय तक जब लड़कियों के लिए सेना और सशस्त्र बलों में कोई जगह ही नहीं थी, ऐसे में अपने साहस और योग्यता के बल पर सेना में अधिकारी पद पाने वाली अल्का शर्मा देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं. अल्का खुराना शर्मा 06 मार्च 1992 को गठित भारतीय सेना की महिला सैन्य अधिकारियों के पहले बैच की ऑफिसर हैं. उनका जन्म 02 सितंबर 1969 को हिसार (हरियाणा) में हुआ था. उनके पिता सेना में ही अधिकारी थे और मां एक सरकारी हाई स्कूल की हेडमिस्ट्रेस थीं. 1992 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में शामिल होने से पहले उन्होंने कॉमर्स और डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन में अपना मास्टर्स पूरा किया.
उनके पिता उनके आदर्श थे और भारतीय सेना में शामिल होने के लिए उनकी प्रेरणा भी थे. सेना की वर्दी, उनके पिता का स्मार्ट वर्कआउट और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ ने उन्हें हमेशा मोटिवेट किया. उन्होंने हमेशा अपने पिता से पूछा कि लड़कियां आर्म्ड फोर्सेज़ (सशस्त्र बल) में शामिल क्यों नहीं हो सकती हैं. हालांकि, उनकी यह इच्छा 1992 में रक्षा बलों में महिला अधिकारियों के शामिल होने के फैसले के बाद पूरी हुई.
अल्का ने पहले Airforce SSB और फिर Army SSB क्लियर किया. उन्होंने अपने पिता की तरह सेना में शामिल होने का मौका चुना. वह 2001 में 'ऑपरेशन पराक्रम' का हिस्सा थीं, और उन्होंने सेना की Bde और Div कार्रवाइयों में सक्रिय रूप से योगदान दिया. उन्होंने 2000 में आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प द्वारा आयोजित जिप्सी अभियान, डेजर्ट सफारी में भी भाग लिया.
वह 1992 में सेना दिवस परेड और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली वह पहली महिला अधिकारी बनीं. उन्होंने एक गोरखा अधिकारी के साथ एक गोरखा रेजिमेंट कंटिनजेंट का नेतृत्व किया और उस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड में बेस्ट कंटिनजेंट अवार्ड भी जीता. आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प में दस साल की सेवा के बाद वह 2003 में रिलीज़ हो गईं.