आज हम जिस आजाद फिजां में सांसें ले रहे हैं. जिस बेखौफ माहौल में अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं. उस फिजां के लिए बहुतों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. उन कुछेक बिरलों में अव्वल हैं चंद्रशेखर आजाद. उन्होंने न जीते जी आजादी के लिए कोई समझौते किए और न ही अंग्रेजों द्वारा किए गए हमले के दौरान अपना जीवित शरीर उनके हवाले किया. वे साल 1906 में 23 जुलाई के रोज ही पैदा हुए थे.
1. वे 15 बरस की उम्र में ही असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे.
2. ब्रिटिश पुलिस के हाथों कभी गिरफ्तार न होने की कसम खाने वाले आजाद जब इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में घिरे तो उन्होंने खुद को ही गोली मार ली.
3. एक बार गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट ने नाम पूछा तो उन्होंने आजाद बताया. अपने पिता का नाम स्वतंत्रता और घर का पता जेल लिखवाया.
4. चंद्रशेखर ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह और दूसरे साथियों के साथ मिलकर ब्रिटिश अधिकारी जे पी सान्डर्स के हत्या की प्लानिंग की थी.
5. वे कहते थे कि, अगर मां भारती की बेड़ियां देखकर आपका खून नहीं खौलता तो वो पानी है. जो जवानी देश के काम न आ सके वो किसी काम की नहीं.