scorecardresearch
 

कालजयी उपन्यास 'मैला आंचल' के रचयिता की पुण्यतिथि पर...

हिंदी साहित्य को 'मैला आंचल' और 'परती परिकथा' जैसे कालजयी उपन्यास देने वाली शख्सियत फणीश्वरनाथ रेणु की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि...

Advertisement
X
Renu
Renu

Advertisement

फणीश्वर नाथ रेणु हिंदी साहित्य का एक ऐसा नाम है जिसने हिंदी साहित्य में नए प्रतिमान गढ़े.

अपने बेहतरीन लेखन के दम पर उन्होंने गांवों की हकीकत को बड़ी खूबसूरती से बयां किया है. उनका निधन आज ही की तारीख 11 अप्रैल को साल 1977 में हुआ था. वे आजादी के आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके थे.

उन्हें हिंदी साहित्य की मुख्यधारा में क्षेत्रीय विधा का ध्वजवाहक माना जाता है.

इनके पहले उपन्यास 'मैला आंचल' को कालजयी रचना के तौर पर जाना जाता है. इस उपन्यास के लिए उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया था. हालांकि 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल के विरोध में उन्होंने पद्म श्री की मानद उपाधि लौटा दी थी.

हिंदी के साथ-साथ वे बांग्ला और नेपाली भाषा पर भी बराबर की पकड़ रखते थे.

Advertisement

उनके दूसरे मशहूर उपन्यासों में परती परिकथा, जुलूस और कितने चौराहे को शुमार किया जाता है.

भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री की बेहद सफल फिल्म 'तीसरी कसम' की स्क्रिप्ट उनकी कहानी "मारे गए गुल्फाम" पर आधारित थी.

सौजन्य - NewsFlicks

 

Advertisement
Advertisement