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जानें- दुनिया की पहली महिला इंजीनियर के बारे में, गूगल ने बनाया डूडल

जानिए दुनिया की पहली महिला इंजीनियर के बारे में... इन्हें होना पड़ा था लिंग भेदभाव का शिकार

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Elisa Leonida Zamfirescu Google Doodle
Elisa Leonida Zamfirescu Google Doodle

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गूगल ने आज अपने डूडल के जरिए दुनिया की पहली महिला इंजीनियर एलिसा लेओनिडा जमफिरेसको (Elisa Leonida Zamfirescu) के 131वें पर याद किया है. उनका जन्म 10 नवंबर 1887 को हुआ था. आइए जानते हैं उनकी उपलब्धि के बारे में...

एलिसा जनरल एसोसिएशन ऑफ रोमानियन (AGIR) की मेंबर थीं और साथ ही रोमानिया के जियोलॉजिकल इस्टीट्यूट में प्रयोगशाला को चलाया.  इसी के साथ उन्होंने कई आर्थिक अध्ययनों का निरीक्षण किया जिसने रोमानिया को कोयला, शेल, प्राकृतिक गैस, क्रोमियम, बॉक्साइट और तांबा जैसे प्राकृतिक संसाधनों शामिल थे. जिसके बाद साल 1993 में रोमानिया की सरकार ने उनके योगदान को देखते हुए राजधानी बुखारेस्‍ट की एक सड़क का नाम  उनके नाम पर रखा था.

आसान नहीं था सफलता का सफर

एलिसा का पढ़ाई और सफलता की राह आसान नहीं थी. उन्हें करियर के संघर्ष के दौरान कई परेशानियों से जूझना पड़ा था. बता दें, उनका जन्म 10 नवंबर, 1887 को रोमानिया के गलाटी शहर में हुआ था.  जहां से उन्होंने बुखारेस्ट स्थित सेंट्रल स्कूल ऑफ गर्ल्स से स्कूलिंग की. यहां उन्होंने अच्छे नंबर से सभी परीक्षा पास की थी.

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(Elisa Leonida Zamfirescu (तस्वीर: सोशल मीडिया)

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होना पड़ा लिंग भेदभाव का शिकार

एलिसा जब वह आगे पढ़ाई यानी हायर एजुकेशन के लिए आवेदन करने गई तो उन्हें लिंग भेदभाव का शिकार होना पड़ा. दरअसल लड़की होने के कारण उनका आवेदन रद्द कर दिया गया था.  इसके बाद एलिसा ने जर्मनी की रॉयल टेक्निकल एकेडमी में एडमिशन के लिए अप्लाई किया, जहां साल 1909 में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया. वहीं ऐसा नहीं था कि इस एकेडमी में एडमिशन लेने के बाद उनकी मुश्किलें खत्म हो गई थी, दरअसल उन्हें यहां भी लोगों की बातें सुनने को मिली.  एक बार संस्थान के डीन ने उनसे कहा था कि वह आगे की पढ़ाई की बजाय चर्च, बच्चे और किचन पर फोकस करें.

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नहीं मानी हार

एलिसा उन महिलाओं में से नहीं थी जो लोगों की बात सुनकर अपना फैसला बदल लेती है. उन्हें मालूम था कि उनका लक्ष्य क्या है. लोगों की बातें सुनने के बावजूद भी वह अपने फैसले पर टिकी रहीं और अपनी पढ़ाई जारी रखी. बता दें, एलिसा ने फिजिक्स और केमिस्ट्री भी पढ़ाई की. अपने लैब के प्रमुख के तौर पर उन्होंने मिनरल्स और अन्य चीजों के अध्ययन के लिए नए तरीके और टेक्नोलॉजी का सहारा लिया था.  बता दें, साल 1912 में रोमानिया के डेली न्यूजपेपर 'Minerva' ने प्रकाशित किया कि  "इंजीनियरिंग में महिलाओं का भविष्य महान है."  एलिसा ने तीन साल बाद यानी 1912 में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर लिया और यूरोप की पहली महिला इंजीनियरों में से एक बन गईं थीं.

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 प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ प्यार

 प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एलिसा 'रेड क्रॉस' में शामिल हो गईं थी. जिसके दौरान उनकी मुलाकात एक केमिस्ट  Constantin Zamfirescu से हुई और उन्हें प्यार हो गया.  जिसके बाद दोनों से शादी कर ली. दोनों की 2 बेटियां हुईं.  25 नवंबर 1973 में रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में आखिरी सांस ली थी. रोमानिया सरकार आज भी उनके योगदान को याद करती है.

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