हम जब पढ़-लिख कर ऐसा सोच रहे होते हैं कि हम सब-कुछ जान गए हैं. ठीक वैसे ही समय में दुनिया और प्रकृति हमारे समक्ष कुछ ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जिन पर विश्वास करना नामुमकिन तो नहीं मगर मुश्किल जरूर लगता है.
यहां मौजूद हैं देश-दुनिया के ऐसे 20 रहस्यमयी तथ्य जो वाकई सच हैं...
1. एक मुर्गा जो बिना सिर के 18 माह तक दर-बदर भटकता रहा.
जी हां, ये बात सच है. इस मुर्गे का नाम माइक था और माइक के मालिक ने उसे काटने के वक्त थोड़ी लापरवाही बरती. इस लापरवाही की वजह से माइक 18 माह तक इधर-उधर भटकता रहा और देश-दुनिया की सुर्खियों में रहा.
2. साल 1932 में एमू पक्षी और ऑस्ट्रेलियाई आर्मी में भिड़ंत हो गई थी.
हो सकता है कि यह बात आपको सुनने में अजीब लग रही हो, मगर एमू जैसे बड़े पक्षी अपनी पर आ जाएं तो वे फसलों को खासा नुकसान पहुंचाते हैं. इसी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया को आर्मी की मदद लेनी पड़ी थी, हालांकि इसमें एमू ही जीते थे.
3. जासूसी के शक पर इरान ने 14 गिलहरियों को कैद किया.
इस ख़बर ने साल 2007 में खासी सुर्खियां बटोरीं. जब इरान की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों ने 14 गिलहरियों को गिरफ्त में ले लिया. इन गिलहरियों पर उन्हें शक था कि वे विदेशी एजेंसियों के इशारे पर खुफिया मिशन में लगी हैं.
4. शीशे और रबर की गेंद को साथ गिराने पर शीशे की गेंद का उछाल ज्यादा होगा.
अब इस बात में एक शर्त यह है कि शीशे की गेंद न टूटे.
5. फिनलैंड से उत्तरी कोरिया जाने में सिर्फ रूस बीच में आता है.
तो भैया बात ऐसी है कि रूस क्षेत्रफल के मामले में ही इतना विस्तृत है कि उसके भीतर कई देश समा जाएंगे.
6. माचिस से पहले लाइटर का आविष्कार हो चुका था.
हमारा लाइटर ऐसे ही फाइटर थोड़े न कहा जाता है, आख़िर उम्र का मामला है.
7. नील आर्म स्ट्रॉन्ग को चंद्रमा से लौटने पर कस्टम और इमिग्रेशन का सामना करना पड़ा था.
जब नील आर्म स्ट्रॉन्ग को कोई छूट नहीं मिली तो हमारी क्या बिसात है. आखिर आसमान से लौटने का मामला जो ठहरा.
8. Match.com के संस्थापक गैरी क्रेमेन अपनी गर्लफ्रेंड Match.com पर ही गंवा बैठे.
तो भैया इसीलिए कहते हैं कि टेक्नोलॉजी किसी की सगी नहीं होती.
9. सउदी अरब, ऑस्ट्रेलिया से ऊंट आयात करता है.
हम सभी तो हमेशा से ऐसा मानते रहे हैं कि सउदी अरब ही ऊंटों का गढ़ है लेकिन हज पर्व के दौरान सउदी अरब में ऊंटों के मांस की खपत बढ़ जाती है और यह कमी ऑस्ट्रेलिया पूरा करता है.
10. एक बादल का वजन अमूमन 11 लाख पाउंड का होता है.
बादल हमें दिखने में चाहे जितने हल्के लगते हों मगर वे काफी भारी होते हैं. एक बादल के टुकड़े का भार लगभग 100 हाथियों के बराबर होता है.
11. झींगा मछली न तो बूढ़ी होती है और न ही कभी मरती है.
जी हां, झींगा मछलियां प्राकृतिक रूप से नहीं मरतीं और यहां भी इंसान ही उन्हें खा कर तमाम करता है.
12. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, हैरॉल्ड होल्ट एक बार एकदम से गायब हो गए.
अब ऐसा किस प्रकार संभव है? मगर, यह बात 100% सच है. ऑस्ट्रेलिया के चेवियट समुद्री तट पर तैरने गए प्रधानमंत्री को फिर नहीं ढूंढा जा सका. 17 दिसंबर, 1967 को उन्हें मृत मान लिया गया.
13. हैप्पी बर्थडे गाने का कॉपीराइट हो चुका है.
इस कॉपीराइट कराने वाले को तो ऐसी की तैसी. हम तो अपना बर्थडे इसी गाने के साथ और डीजे पर मनाएंगे. हालांकि वार्नर/चैपल कंपनी ने 5 मिलियन डॉलर में इसका कॉपीराइट कराया है.
14. एक कागज को यदि आप 42 बार मोड़ सके तो आप चंद्रमा तक पहुंच जायेंगे.
वैसे तो आप किसी कागज को 6 या 7 बार से अधिक नहीं मोड़ सकते, मगर इस बात के पीछे पूरी थ्योरी और गणित का लॉजिक है. अब विशेष ज्ञान के लिए तो आपको गूगल बाबा का सहारा लेना पड़ेगा.
15. सिगरेट को 1950 के दौर तक हेल्दी प्रोडक्ट के तौर पर प्रमोट किया गया था.
डॉक्टर्स उन दिनों सिगरेट को कैंसर स्टिक के तौर पर प्रस्तुत करते थे और धीरे-धीरे यही कैंसर का प्रमुख कारक बन गई.
16. बृहस्पति ग्रह पर हीरों की बारिश होती है.
पैसों की किल्लत है तो हम तो विजय माल्या जी से बृहस्पति पर जाने का जुगाड़ लगाने को कहेंगे. आप सोचें कि किसकी मदद से पहुंचेंगे.
17. अगर आप ऊपर की ओर गाड़ी चला सकते तो आप अंतरिक्ष की बाहरी सतह पर एक घंटे में पहुंच जाएंगे.
अब ऐसा करने के लिए तो हमें पुष्पक विमान की जरूरत पड़ेगी, क्यों सही कहा न?
18. बाज हवा में ही संबंध स्थापित करते हैं.
अब इसमें हम अपनी ओर से कुछ नहीं जोड़ना चाहते, आप खुद समझदार हैं.
19. चार्ली चैप्लिन एक 'चार्ली चैप्लिन हू-ब-हू' की प्रतियोगिता में खुद ही हार गए थे.
अब हमारी दिलचस्पी तो यह जानने में है कि यह प्रतियोगिता किसने जीती थी. आखिर कौन था वह जो खुद चार्ली चैप्लिन से भी ओरिजिनल लगता था.
20. वैक्यूम के भीतर एक पंख और लोहे की गेंद छोड़ने पर दोनों साथ ही नीचे आएंगे.
अब इसके लिए तो मुझे नहीं लगता कि किसी को किताब उलटने-पलटने की जरूरत होगी. आखिर न्यूटन ऐसे ही हमारे पूर्वज थोड़े ही न कहे जाते हैं.
तो भैया कहो कैसी रही हमारी लफ्फाजी, माफ कीजिएगा रहस्यों का भंडाफोड़ करने के लिए तथ्यों की मजेदार पेशकश. अब जो अच्छी लगी हों तो दूसरों को भी इन तथ्यों से अवगत कराएं और इस लेख को आगे बढ़ाएं.