गूगल अपने डूडल के जरिए दुनिया भर की महान हस्तियों को याद करता है. आज सर्च इंजन गूगल ने शास्त्रीय नृत्यांगना और कोरियोग्राफर पद्म श्री-पद्म भूषण श्रीमती मृणालिनी साराभाई के 100वें जन्मदिन पर डूडल उनको समर्पित किया है. डूडल में मृणालिनी ने छतरी ली हुई है और उनके पीछे डांस के फॉर्म को दर्शाया गया है. देखने से ही मालूम चल रहा है कि आज किसी क्लासिकल डांसर का जन्मदिन है.
मृणालिनी के 100वें जन्मदिन पर जानें कुछ खास बातें..
- मृणालिनी का जन्म 11 मई 1918 में केरल में हुआ था.
- मृणालिनी केरल की फ्रीडम फाइटर फैमिली से आती थीं. उनके पिता मद्रास हाई कोर्ट में वकील थे.
- उन्हें शुरू से ही डांस में दिलचस्पी थी. उनकी माता ने उन्हें स्कूल के दिनों में स्विटजरलैंड भेजा. जहां उन्होंने डांस की बारीकी सीखी.
एहि ठइयां मोतिया हेराय गइल रामा... विश्वनाथ के काशी की गिरिजा शांत हो गईं
- फिर उन्होंने रबींद्रनाथ टैगोर की देख-रेख में शांति निकेतन में भी शिक्षा ग्रहण की थी और यहीं से नृत्य उनकी जिंदगी बन गया.
- आपको बता दें, मृणालिनी भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की पत्नी थी. वह 24 साल की थीं जब उन्होंने विक्रम साराभाई को अपना जीवनसाथी चुना.
- मृणालिनी ने साल 1948 में अहमदाबाद में 'दर्पण' नाम से एकेडमी की शुरूआत की. यहां से हजारों बच्चे डांस सीख चुके हैं.
- उनकी एकेडमी में तमाम गुजराती लोगों ने नृत्य सीखा. इस दौरान डांस के साथ-साथ वो कोरियोग्राफी करती रहीं.
- उनके दो बच्चे हुए कार्तिकेय और मल्लिका.
जिनकी वजह से हिन्दुस्तान की धमक अंतरिक्ष में पहुंची...
- आपको बता दें, जितना अच्छा वह नृत्य करती थी उतना ही अच्छा लिखती भी थी. उन्होंने कई नाटक, नॉवेल लिखे. बच्चों के लिए कहानियां भी. और आखिर में एक ऑटोबायोग्राफी. जिसका नाम है ‘मृणालिनी साराभाई- द वॉयस ऑफ द हार्ट’.
- उन्हें काफी अवॉर्ड से नवाजा गया. 1965 में उन्हें पद्मश्री, 1992 में पद्मभूषण और फिर भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वहीं जहां मृणालिनी देश में मशहूर थी उतना उन्होंने विदेश में खूब नाम कमाया. खासतौर पर फ्रांस में तमाम दिग्गजों ने उनकी वाहवाही की.
- 21 जनवरी, 2016 को अहमदाबाद के अस्पताल में उनका 97 साल की उम्र में निधन हो गया और देश ने नृत्य की दुनिया का सितारा खो दिया.