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Parliament Attack 2001: आज ही के दिन हुआ था लोकतंत्र के मंदिर पर हमला, 12 साल बाद हुई थी इस आतंकी को फांसी

13 December Parliament Attack Anniversary: साल 2001 में संसद पर हमला होते ही सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और आतंकियों को मार गिराया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार, मारे गये आतंकियों में हैदर उर्फ तुफैल, मोहम्मद राना, रणविजय और हमजा शामिल थे.  

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parliament attack case
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुआ था हमला
  • संसद हमले में कुल 14 लोगों की हुई थी मौत

2001 Indian Parliament Attack: बीस साल पहले आज ही के दिन यानी 13 दिसंबर को लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद पर आतंकी हमला हुआ था. 13 दिसंबर, 2001 को जैश -ए-महम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकी संसद भवन के परिसर तक पहुंचने में कामयाब रहे थे. उस दौरान संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था. संसद के दोनों सदन कुछ देर के लिए स्थगित हुए थे. 

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अटल बिहारी वाजपेयी और सोनिया गांधी संसद भवन से जा चुके थे. हालांकि, लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 अन्य लोग संसद भवन में ही थे. तभी एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकियों ने संसद भवन में गोलियों को बौछार कर दी थी. इस दौरान एक आतंकवादी ने संसद भवन के गेट के पास खुद को बम से उड़ा लिया था.

हमला होते ही सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालाऔर आतंकियों को मार गिराया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार, मारे गये आतंकियों में हैदर उर्फ तुफैल, मोहम्मद राना, रणविजय और हमजा शामिल थे. इस हमले में 5 आतंकी समेत 14 लोग मारे गये थे. इस आतंकी हमले में सबसे पहले कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव शहीद हुई थीं. इसके अलावा संसद के एक माली, संसद भवन में सुरक्षा सेवा के दो कर्मचारी और दिल्ली पुलिस के 6 जवान शहीद हो गये थे. 

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इस आतंकी हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन सहित पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थे. संसद हमले के 12 साल बाद अफजल गुरु को 9 फरवरी, 2013 को फांसी दी गई थी.

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