scorecardresearch
 

कारगिल युद्ध: जगुआर का निशाना सही जगह लगता तो आज ना होते मुशर्रफ-शरीफ

आज देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. 18 साल पहले आज के ही दिन हमारे जांबाजों ने देश को इस युद्ध में जीत दिलाई थी.

Advertisement
X
परवेज-शरीफ
परवेज-शरीफ

Advertisement

आज देश भर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. 18 साल पहले आज के ही दिन हमारे जांबाजों ने देश को इस युद्ध में जीत दिलाई थी. पर आज हम आपको इस युद्ध के दौरान घटे ऐसे घटनाक्रम के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में बहुत ज्‍यादा लोगों को पता नहीं है.

जी हां, भारत सरकार के एक दस्तावेज में पता चला है कि कारगिल युद्ध में भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान ने नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ पर निशाना साधा था, पर वो चूक गया.

कारगिल युद्ध: जीत के लिए वाजपेयी ने कराई थी इस मंदिर में पूजा

क्‍या हुआ था

24 जून 1999 को जगुआर ने पाक सेना के एक अग्रिम ठिकाने को लेजर गाइडेड सिस्टम से टारगेट करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी थी. उसके पीछे एक और जगुआर था, जिसे टारगेट पर बमबारी करनी थी. लेकिन पीछे आ रहे जगुआर का निशाना चूक गया और बम टारगेट से बाहर गिर गया. बाद में पता चला कि पाक सेना के जिस ठिकाने को टारगेट किया गया था, वहां उस समय पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ मौजूद थे.

Advertisement

पहले नहीं थी जानकारी

खबरों के मुताबिक, जब जगुआर ने निशाना साधा तब तक वहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के मौजूद होने की सूचना भारत के पास नहीं थी.

12 साल पहले ही PAK ने रची थी कारगिल जंग की साजिश, इस डर से हटा था पीछे

गुलटेरी में हुआ थ ये

ये ऑपरेशन गुलटेरी में अंजाम दिया गया था. ये पीओके में एलओसी से महज 9 किलोमीटर अंदर की ओर है.

 

Advertisement
Advertisement