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जानें, बिग बेन क्लॉक टावर की 7 खास बातें

लंदन की सबसे मशहूर विरासत, द बिग बेन क्लॉक टावर, ने साल 1859 में 31 मई से काम करना शुरू किया था.

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Big Ben
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लंदन की तस्वीर द बिग बेन क्लॉक टावर के बगैर अधूरी लगती है. इस टावर ने 1859 में 31 मई से काम करना शुरू किया था.

जानिए, इस क्लॉक टावर से संबंधित ये खास बातें...
1.
दुनिया की सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट होने के बावजूद इसका इंटीरियर देखना विदेशी सैलानियों को नसीब नहीं हो पाता. हालांकि यूनाइटेड किंगडम के लोग इसे देख सकते हैं. टावर में कोई लिफ्ट नहीं है इसलिए उन्हें 334 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं.

2. क्वीन विक्टोरिया के शासनकाल के समय पत्रकार इस टावर को सेंट स्टीफंस टावर कहते थे.

3. 2012 में क्वीन एलिजाबेथ के सम्मान में इसका नाम एलिजाबेथ टावर रख दिया गया.

4. 2013 में पूर्व प्रधानमंत्री माग्रेट थेचर के अंतिम संस्‍कार के दौरान रोका गया था.

5. इसे वेस्टमिंस्टर के नए महल के खास प्रतीक के रूप में बनाया गया था. पुराना महल साल 1834 में आग लगने के कारण बर्बाद हो गया था.

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6. ये वक्त बताने से जुड़ी सटीकता के लिए मशहूर है, जो वास्तविक समय से महज 1 सेकेंड आगे है.

7. बिग बेन घड़ी की घंटे वाली सुई का वजन 13 टन है. इसे घोड़ा गाड़ी में रखकर लाया गया था.

इस विशाल घड़ी को दरअसल जरूरी मरम्मत कार्य के लिए बंद किया किया जा रहा है. खबरों की मानें तो बिग बेन क्‍लॉक की मरम्मत पर 290 लाख पाउंड यानी करीब 278,90,70,900 रुपये का अनुमानित खर्च आएगा. घड़ी के आगे के हिस्से समेत यंत्ररचना और छत में मरम्मत की जरूरत है. साथ ही घड़ी के आगे के हिस्से के किनारे को दोबारा 19वीं सदी का उसका मूल रंग देने की भी जरूरत है. इस दौरान 334 सीढ़ियों के विकल्प के रूप में टावर के ऊपर तक जाने के लिए एक लिफ्ट बनाने की भी योजना है.

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