1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रुप में मनाया जाता है और इस दिन लोग एक दूसरे से मजाक करते हैं. हर देश में इस दिवस को लेकर अलग अलग चलन है. कई देशों में दोपहर तक ही मजाक किया जाता है. मूर्ख दिवस को आपको बताते हैं कि आखिर इस दिवस की शुरुआत कब से हुई और क्यों मनाया जाता है और इससे जुड़े किस्से क्या हैं...
- अप्रैल फूल को लेकर कई कहानियां प्रचलित है. कहा जाता है कि अप्रैल फूल्स डे (मूर्ख दिवस) की शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस वक्त हुई, जब पोप चार्ल्स 9 ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया. बताया जाता है कि इस दौरान कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया. साथ ही उनका मजाक भी मनाया गया. हालांकि कई जगह इसकी शुरुआत 1392 भी बताई जाती है, लेकिन इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है.
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- फ्रांस, इटली, बेल्जियम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और मजाक बनाया जाता है. वहीं स्पेनिश बोलने वाले देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल मनाया जाता है, जिसे डे ऑफ होली इनोसेंट्स कहा जाता है. ईरानी फारसी नववर्ष के 13वें दिन एक-दूसरे पर तंज कसते हैं, यह 1 या 2 अप्रैल का दिन होता है. डेनमार्क में 1 मई को यह मनाया जाता है और इसे मज-कट कहते हैं.
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- इतिहास पर नजर डाली जाए तो 1 अप्रैल के दिन कई फनी घटनाएं हुई, जिसके चलते इस दिन को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मनाया जाने लगा. ऐसे तमाम किस्से हैं जिस वजह से पहली अप्रैल को बहुत फनी काम हुए और तो कुछ प्लेन किए गए, जिस वजह से 1 अप्रैल को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मजेदार तरीके से सेलिब्रेट किया जाने लगा.