भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है. अब भारतीय रेल देश के कोने-कोने तक पहुंच रही है, लेकिन क्या आप देश की पहली ट्रेन के बारे में जानते हैं? बता दें कि आज ही के दिन साल 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी. आइए जानते हैं उस वक्त कैसा नजारा था और कैसी थी पहली ट्रेन...?
- बता दें कि 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन 35 किलोमीटर की दूरी पर चलाई गई. जिस वक्त यह ट्रेन पटरी पर दौड़ी उस वक्त समय हो रहा था दोपहर के तीन बजकर 35 मिनट.
- यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी.
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- इस रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजन सुल्तान, सिंधु और साहिब ने खींचा था.
- 20 डिब्बों की इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था.
- यह ट्रेन दोपहर 3.30 बजे बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से प्रारंभ हुई और शाम 4.45 बजे ठाणे पहुंची. इस रेलगाड़ी ने 34 किलोमीटर का सफर तय किया था.
- बता दें कि साल 1845 में कलकत्ता में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी की स्थापना हुई. 1850 में इस कंपनी ने मुंबई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया था.
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- भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए. इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं. पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई. 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई.
- जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया, जो शक्तिशाली तो था ही, साथ ही अपने से भारी वस्तुओं को खींचने में भी सक्षम था. 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 रेल डिब्बों को खींचा गया जिनमें 600 यात्री सवार थे. इस पहली रेलगाड़ी ने लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया. इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए.