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जयंती: जानें, हंसी के बादशाह जसपाल भट्टी के बारे में ये खास बातें

जानें कैसे इंजीनियरिंग छोड़ कॉमेडी के सरताज बने जसपाल भट्टी.कुछ ऐसी थी उनकी जिंदगी.

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Jaspal Bhatti
Jaspal Bhatti

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आज हंसी के बादशाह जसपाल भट्टी की जयंती है. उनका जन्म आज ही के दिन 3 मार्च 1955 में हुआ था. 80 दशक के अंत में दूरदर्शन पर शुरू हुए उल्टा - पुल्टा शो के जरिए वह चर्चा में आए थे. आज भी उनके काम को याद करके लोग हंसते-हंसते 'लोटपोट' हो जाया करते हैं.

जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें-

- जसपाल भट्टी का जन्म 3 मार्च 1955 में अमृतसर में हुआ था. उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. लेकिन बाद में नुक्कड़, थिएटर आर्टिस्ट बन गए.

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- जसपाल भट्टी 90 के दशक की शुरूआत में दूरदर्शन के लिए एक और टेलीविजन धारावाहिक, 'फ्लॉप शो' लेकर आए जो बहुत प्रसिद्ध हुआ और इसके बाद जसपाल भट्टी को एक हास्य अभिनेता के रूप में जाना जाने लगा.

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- TV के साथ अपना करियर शुरू करने से पहले वे चंडीगढ़ के अखबार ट्रिब्यून में बातौर कार्टूनिस्ट जुड़े हुए थे. उनके कार्टून भी लोगों को खूब गुदगुदाते रहे.

- टेलीविजन पर प्रसारित जसपाल भट्टी के कई शो काफी लोकप्रिय हुए, जिनमें 'फ्लॉप शो', 'उल्‍टा-पुल्‍टा', 'लोटपोट' शामिल है. जसपाल भट्टी के नुक्‍कड़ नाटक और रोड शो भी लोगों को खूब भाते थे.

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- अपने करियर में उन्होंने 20 से भी अधिक फिल्मों में किरदार भी निभाए. वह आमिर के साथ फिल्म 'फ़ना' में जॉलीगुड सिंह के रूप में नजर आए थे.

- जसपाल भट्टी ने 'कुछ मीठा हो जाए', 'कुछ ना कहो', 'तुझे मेरी कसम', 'जानी दुश्मन', 'कोई मेरे दिल से पूछे', 'हमारा दिल आपके पास है', 'खौफ़', 'जानम समझा करो', 'आ अब लौट चलें', 'इकबाल', 'कारतूस' जैसी हिंदी फिल्मों में एक्टिंग की और अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया.

- जसपाल भठ्टी ने अपनी पत्नी के साथ चंडीगढ़ में एक अभिनय स्कूल खोल था और उसके काम के अनुरूप उन्होंने इसका नाम ’जोक फ़ैक्ट्री ’ रखा था.

- जसपाल भट्टी ने साल 1999 में एक फिल्म 'माहौल ठीक है' का निर्देशन भी किया. यह फिल्म पुलिस, प्रशासन व समाज पर एक व्यंग्य है.

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- आपको बता दें, महंगाई बढ़ने पर जसपाल भट्टी ने एक बार गले में सब्जियों की माला पहन कर सड़क पर उसका विरोध किया और पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने पर अपनी कार को बैल से खिंचवाया था.

- कॉलेज के दिनों में जसपाल कॉमेडी के लिए जाने जाते थे. उन दिनों उन्होंने ने एक 'नॉनसेंस क्‍लब' बना डाला था.

- जहां जसपाल लोगों को हंसाते थे वहीं वह आम आदमी की समस्‍याओं पर बहुत गहराई से विचार करते थे. साथ ही आम लोगों की समस्या कॉमेडी के अंदाज में समाज के सामने बेहद धारदाज अंदाज में पेश करते थे. यही वजह है कि आम और खास, हर तरह के लोग उन्‍हें बेहद पसंद करते थे.

- 25 अक्टूबर 2012 में पंजाब में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. दुर्घटना के बाद जब जसपाल भट्टी को जालंधर के एक अस्पताल में ले जाया गया था जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

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