अपने नाटकों, कविताओं और सॉनेट से साहित्य जगत पर राज करने वाले शेक्सपियर का देहांत 23 अप्रैल 1616 को हुआा था. शेक्सपियर के नाटकों का जादू आज भी दुनिया पर छाया हुआ है. उनके नाटकों में उभरी संवेदना से हर इंसान वास्ता रखता है. शेक्सपियर के नाटकों के पात्र चाहे वह हीरो हो, हीरोईन या फिर विलेन आज भी हमारे आस-पास नजर आते हैं.
उनके माता-पिता का नाम जॉन शेक्सपियर और मेरी आर्डेन था. शेक्सपियर ने आर्थिक कठिनाइयों के कारण बचपन में स्कूल छोड़ दिया था और छोटे-मोटे काम धंधे में लग गए थे. शेक्सपियर ने शुरू में थियेटर में नौकरी की और जल्द ही नाटकों से लगाव हो जाने के कारण लंदन के प्रमुख थियेटर्स में काम करने लगे. उसके बाद उन्होंने खुद नाटक लिखना शुरू किया. उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में हैमलेट, ऑथेलो, किंग लियर, मैकबेथ, जूलियस सीजर प्रसिद्ध है.
शेक्सपियर के 10 अनमोल विचार
1. ये विश्व एक रंगमंच है, और सभी स्त्री-पुरुष सिर्फ पात्र हैं, उनका प्रवेश और प्रस्थान होता है, और एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में कई किरदार निभाता है.
2. होना और न होना यही तो सवाल है.
3. नरक खाली है और सारे शैतान यहीं मौजूद हैं.
4. एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है मगर वहीं एक बुद्धिमान खुद को मूर्ख समझता है.
5. प्यार अंधा होता है और प्यार में पड़े लोगों को कुछ नहीं दिखता.
6. मैं दुनिया में किसी भी चीज से उतनी मुहब्बत नहीं करता, जितना तुमसे करता हूं. क्या यह अजीब नहीं है?
7. मैंने जब तुम्हें देखा, तभी मैं प्यार में पड़ गया. तुम मुस्कुराई क्योंकि तुम ये जान गई थी.
8. तुम मुझसे मोहब्बत करो या नफरत दोनों मेरे पक्ष में ही है. गर तुम मुझसे मोहब्बत करते हो तो मैं तुम्हारे दिल में हूं, और गर नफरत करते हो तो मैं तुम्हारे दिमाग में हूं.
9. नाम में क्या रखा है, गर गुलाब को हम किसी और नाम से भी पुकारें तो वो ऐसी ही खूबसूरत महक देगा.
10. सितारों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे हमारी जिंदगी का फैसला कर सकें, बल्कि हमारी किस्मत हमारे हाथों में है.