1950 में आज ही के दिन तिब्बत में कुछ ऐसा हुआ था कि एक दशक बाद भारत और चीन युद्ध के मैदान तक पहुंच गए. जानें तिब्बत की आजादी की जंग के बारे में:
1. 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था. उन दिनों चीन में विरोधी भावनाएं चरम पर थीं.
2. 1959 में तिब्बत में आजादी को लेकर विद्रोह की आग भड़की.
3. चीन ने विद्रोह को बुरी तरह कुचल दिया. हजारों विरोधी मौत के घाट या जेल में डाल दिए गए.
4. इसके बाद चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को बीजिंग की आधिकारिक यात्रा के लिए न्योता दिया लेकिन उनसे बॉडीगार्ड साथ लिए बिना आने को कहा गया.
5. हजारों तिब्बती नागरिक तब दलाई लामा के पास जमा हो गए थे ताकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सके.
6. इसका परिणाम यह हुआ कि दलाई लामा शरण के लिए भारत आए.
7. चीन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री के इस कदम से बहुत नाराज हुआ. भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच इस घटना ने आग में घी का काम किया और 1962 के भारत-चीन युद्ध की पटकथा लिख दी.
8. तिब्बती समुदाय आज भी चीन के कब्जे का विरोध करता है.