हिन्दुस्तान की आजादी के लिए तो वैसे ढेरों रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहूति दी है लेकिन उनमें से मदन लाल ढींगरा की बात ही जुदा है. वे उन दिनों इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे थे और वहीं विलियम कर्जन वायली की हत्या कर दी थी. वे साल 1909 में 17 अगस्त के रोज ही शहीद हुए थे.
1. वे हिंदू राष्ट्रवादी विनायक सावरकर के करीबी थे.
2. इंग्लैंड में अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने अंग्रेज अधिकारी सर विलियम कर्जन वायली की हत्या कर दी थी.
3. कर्जन की हत्या के आरोप में उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई.
4. उनके शरीर को तब इंग्लैंड में दफनाया गया, जिसे 1976 में भारत लाया गया. बाद के दिनों में उनके पार्थिव शरीर को अकोला महाराष्ट्र में रखा गया.
5. उन्होंने फैसले के बाद जज को शुक्रिया कहा और कहा कि उन्हें अब कोई फिक्र नहीं, बल्कि गर्व है कि उन्होंने मां भारती के लिए प्राणों की आहूति दी.