असमान में उड़ान कौन नहीं भरना चाहता. लेकिन किसे पता था कि मलेशिया एयरलाइंस विमान एमएमच17 की वो आखिरी उड़ान साबित होगी जिसमें 283 यात्रियों समेत चालक दल के 15 सदस्य जिंदगी को अलविदा कह देंगे.
साल 2014 में 8 मार्च को अचानक गायब हुए मलेशिया एयरलाइंस विमान 370 के ना भूलने वाले हादसे से दुनिया उभरी ही नहीं थी कि 17 जुलाई 2014 को MH17 विमान की दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आ गई. यह मलेशिया एयरलाइंस की साल 2014 की दूसरी सबसे बड़ी घटना साबित हुई. जानें दिलदहलाने वाली उस उड़ान के बारे में.
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1. यह विमान नीदरलैंड्स में एम्सर्टडम से मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर जा रहा था.
2. सूत्रों के मुताबिक रूसी सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर पूर्वी यूक्रेन के ग्राबोवो गांव के पास यह दुर्घटना हुई.
3. विमान में 283 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य शामिल थे. जिनमें नीदरलैंड के 154, ऑस्ट्रेलिया के 27, मलेशिया के 23 और इंडोनेशिया के 11 लोग थे.
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4. बीबीसी की खबर के मुताबिक मलेशिया एयरलाइंस के मुताबिक विमान एम्सटर्डम के शिफोल हवाई अड्डे से ग्रीनिच मान समय के मुताबिक गुरुवार 17 जुलाई को सुबह सवा दस बजे उड़ा था. इसके चार घंटे बाद विमान से संपर्क टूट गया. इस उड़ान को कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जीएमटी के मुताबिक रात 10 बजकर 10 मिनट पर पहुचना था.
5. बतादें उस वक्त पूर्वी उक्रेन में था, जब डोनबास में जारी जंग के दौरान रूस समर्थक बागियों ने सतह से हवा में मारी जाने वाली मिसाइल से इस पर हमला किया था.
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6. विमान में सबसे ज्यादा यात्री नीदरलैड्स के थे. जबकि मलेशियाई मूल के 44 लोग मारे गए. साथ ही ये कहा गया है कि विमान MH17 में एक भी भारतीय नागरिक सवार नहीं था.
7. वहीं इस घटना से पहले मलेशिया एयरलाइंस विमान 370 थाईलैंड की खाड़ी में 8 मार्च 2014 को लापता हो गया था.