Kisan Diwas 2021: किसानों को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है और वे ग्रामीण समृद्धि के पीछे एक प्रमुख कारक हैं. किसानों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए देश हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाता है. इस साल का किसान दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि सरकार के खिलाफ 1 साल तक प्रदर्शन में जुटे किसानों को आखिरकार जीत मिली है. सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेकर किसानों की मांगों को भी स्वीकार किया है.
Kisan Diwas 2021 Date: देश 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाता है जो भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है. चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था. वह 1979-1980 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे और देश में कई किसान-अनुकूल भूमि सुधार नीतियों में योगदान दिया.
देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू कीं. किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से राहत देने के लिए, उन्होंने 1939 में ऋण मोचन विधेयक वापस पेश किया. 1962-63 तक, उन्होंने सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में कृषि और वन मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
2001 में, तत्कालीन सरकार ने चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में नामित किया. सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले सिंह ने अपना अधिकांश खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें और पर्चे लिखे. उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं हैं - सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन, भारत की गरीबी और इसका समाधान.