National Technology Day 2022: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और अन्य इनोवेटर्स के योगदान को याद करने के लिए भारत हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाता है. इस दिन को वास्तव में भारत के सफल परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है. इसके बाद ही भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न देश बना और एक नये युग की शुरूआत हुई.
आज के दिन का इतिहास
भारतीय सेना द्वारा राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में 11 मई, 1998 को परमाणु बम का सफल परीक्षण किया गया था. नेशनल टेक्नोलॉजी डे पहली बार 11 मई, 1999 को पोखरण परमाणु परीक्षण की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया गया था. परीक्षण की सफलता के साथ, भारत ने परमाणु हथियार रखने वाले देशों के समूह में अपनी सीट पा ली. परमाणु परीक्षण की सफलता के दो दिन बाद, भारत ने 13 मई को दो और परीक्षण किए. सभी परीक्षणों का नेतृत्व स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने किया, जो भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति थे.
पोखरण परीक्षण का प्रयास पहले 1974 में किया गया था जिसका कोड-नेम "स्माइलिंग बुद्धा" था. पहले प्रयास में अन्य देशों द्वारा दबाव बनाए जाने के चलते टेस्ट किया नहीं जा सका. भारत ने दोबारा 1998 में बेहद खुफिया तरीके से परमाणु बम का परीक्षण किया जिसमें सफलता हाथ लगी. भारत की यह परमाणु टेस्टिंग दुनिया के सबसे खूफिया ऑपरेशंस में से एक मानी जाती है. यह मिशन भारतीय सेना द्वारा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), और परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (AMDER) के साथ मिलकर चलाया गया था.
कैसे मनाते हैं नेशनल टेक्नोलॉजी डे?
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय हर साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करता है. मंत्रालय का तकनीकी विकास बोर्ड इस कार्यक्रम का आयोजन करता है. भारत के राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होते हैं और देश की तकनीकी प्रगति में उनके योगदान के लिए वैज्ञानिकों को पुरस्कार प्रदान करते हैं.