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19 साल पहले किया था पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण, भारत से ज्यादा है न्यूक्ल‍ियर हथ‍ियार

दुनिया भर में आतंक और दहशत मचाने वाले देश ‘पाकिस्तान’ ने आज ही के दिन साल 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था.

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Represenataional image
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पाकिस्तान हमेशा से ही अपने परमाणु हथियारों को लेकर काफी सक्रिय रहा है. 28 मई, 1998 यानी आज से करीब 19 साल पहले पाकिस्तान ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था. ये टेस्ट उसने बलुचिस्तान प्रांत के चगाई डिस्ट्रीक्ट में किया था जो की 30 मई तक चला था.

भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में किया था ये टेस्ट

साल 1998 में 11 मई को भारत ने राजस्थान के पोखरण में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया था. पाकिस्तान ने भारत के परमाणु परीक्षण के जवाब में अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था, ‘अगर भारत अपना न्यूक्लियर टेस्ट ना करता तो हम भी ना करते. पर भारत के ऐसा करने से हम पर पब्लिक का काफी दबाव पड़ा जिसके चलते हमने भी अपना पहला परमाणु परीक्षण किया.’ हालांकि इस बात को लेकर दोनों देशों में काफी तनाव पैदा हो गया था.

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भारत से आगे है पाकिस्तान

परमाणु हथियारों की बात करें तो भारत छोड़ें, इजरायल और नॉर्थ कोरिया से भी आगे है पाकिस्तान. पाकिस्तान के पास करीब 120 परमाणु हथियार हैं, जो कि भारत के मुकाबले 10 हथियार ज्यादा है और पूरी दुनिया को खत्म करने के लिए काफी है. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान हर साल लगभग 20 परमाणु हथियार बनाने की क्षमता रखता है.

भारत की सैन्य ताकत ज्यादा

भारत-पाकिस्तान की सैन्य ताकत की अगर तुलना की जाए तो भारत उससे कहीं आगे है. भारतीय सनिकों की संख्या 13 लाख है और वही पाकिस्तान की साढ़े छह लाख जो की भारत का बिलकुल आधा है. भारत की सैन्य ताकत से बराबरी करने के लिए पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का उत्पादन बढ़ा रहा है.

बार-बार क्यों देता है परमाणु हमले की धमकी

पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसलिए वो बार-बार भारत को परमाणु हमले की धमकियां देता रहता है. पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को देखने वाले अब्दुल कदिर खान ने एक बाद एक भड़काऊ बयान में कहा था, ‘पाकिस्तान के परमाणु बम दिल्ली को 5 मिनट में तबाह कर सकते हैं.’

1984 में ही कर सकता था न्यूक्लियर टेस्ट

पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक अब्दुल कदीर खान ने कहा था की पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु परीक्षण करने की क्षमता रखता था. लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति ‘जिया उल हक’ इस विचार के विरोध में थे, जिसके चलते पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया.

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