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नहीं रहे रघुवंश बाबू, मैथ्स के प्रोफेसर से लेकर सफल राजनीतिज्ञ तक, ऐसा रहा सफर

लालू के करीबी रघुवंश प्रसाद का 74 की उम्र में दिल्ली एम्स में निधन हो गया है. 3 दिन पहले ही उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया था, पर लालू ने स्वीकार नहीं किया था. जानिए उनके बारे में खास बातें.

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  पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वह 74 साल के थे. 3 दिन पहले (10 सितंबर 2020) को उन्होंने  लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया था.  हालांकि लालू यादव ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया था. वह  पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे. वह कई दशकों से लालू प्रसाद यादव के साथ जुड़े रहे.

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बता दें, तबीयत खराब होने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. रघुवंश प्रसाद सिंह एम्स के आईसीयू में भर्ती थे. दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी. बताया जा रहा है कि सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, जिसके बाद उनका निधन हो गया. आइए ऐसे में जानते हैं उनसे जुड़ी अहम बातें.


जन्म

रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्‍म 6 जून 1946 को वैशाली के शाहपुर में हुआ था. वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में उपाध्यक्ष के पद पर थे. वह  साल 1977 से लगातार राजनीति में सक्रिय रहे हैं. वे लालू प्रसाद यादव के करीबी और उनके संकटमोचक भी रहे. लगातार चार बार वैशाली से सांसद बनने के अलावा वह यूपीए सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं.

शादी

रघुवंश प्रसाद सिंह का विवाह 16  जून 1966 में  किरण सिंह से हुआ था. उनके दो बेटे और एक बेटी है.

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शिक्षा

राजनीति में आने से पहले रघुवंश प्रसाद सिंह मैथ्स पढ़ाते थे. बिहार यूनिवर्सिटी से उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री ली और साल 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में काम किया. जितने सफल वह शिक्षक थे, उतने ही सफल वह एक नेता के रूप में भी उभरे. उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्‍व में हुए आंदोलनों में भाग लिया था. 1973 में वह संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी (Samyukta Socialist Party (S.S.P.) के सेक्रेटरी बनाए गए. 1977 से 1990 तक वे बिहार विधानसभा के सदस्‍य रह चुके हैं.

1977 से 1979 तक वे बिहार राज्‍य के ऊर्जा मंत्री रहे. जिसके बाद उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष बनाया गया था. साल 1985 से 1990 के दौरान वह लोक लेखांकन समिति के अध्‍यक्ष रहे. 1990 में उन्‍होंने बिहार विधानसभा के सहायक स्‍पीकर का पदभार संभाला था.

लोकसभा सदस्‍य के रूप में उनका पहला कार्यकाल 1996 से शुरू हुआ था. वह 1996 के लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए और उन्‍हें केंद्रीय पशुपालन और डेयरी उद्योग राज्‍यमंत्री बनाया गया था.

अपने राजनीतिक सफर के दौरान वह समाजवादी आंदोलन, शिक्षकों का आंदोलन, किसानों का आंदोलन, और राष्ट्र निर्माण से संबंधित गतिविधियों में शामिल हुए थे. इसी के साथ उन्होंने समाज सेवा, शोषण के खिलाफ संघर्ष, किसानों, मजदूरों और शोषितों को कानूनी सहायता, शिक्षा और शैक्षिक सुधार जैसे कार्यों को बढ़ावा दिया था. 

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ये था फेवरेट पास टाइम

रघुवंश प्रसाद सिंह को जब खाली समय मिलता था, वह खुद का मनोरंजन करने के लिए  म्यूजिक सुनते थे. इसी के साथ उन्हें योग और व्यायाम काफी भाते थे.

 

 

 

 

 

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