भारत की आजादी के लिए न जाने कितने रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहूति दी लेकिन राजगुरु को हमेशा से ही ऊंचे पायदान पर रखा जाता रहा है. वे महज 22 साल की उम्र में ही देश के लिए शहीद हो गए थे. उनका पूरा नाम शिवराम राजगुरु था और वे साल 1908 में 24 अगस्त के रोज ही जन्मे थे.
1. राजगुरु हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के सक्रिय सदस्य थे और भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और जतिन दास के नजदीकी साथी थे.
2. अंग्रेजों की लाठी के शिकार बने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े. वे ब्रिटिश अधिकारी जे पी सांडर्स के कत्ल में शामिल थे.
3. नागपुर से पुणे जाते वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
4. 23 मार्च 1931 को इंकलाब जिंदाबाद नारे के साथ अंग्रेजों ने उन्हें भगत सिंह और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया.