Kashmir Files Impact: उत्तरी दिल्ली के एक नगरपालिका स्कूल का नाम बदलकर प्रमुख कश्मीरी पंडित नेता टीकालाल टपलू के नाम पर रखा गया है. टीकालाल को 33 साल पहले श्रीनगर में गोली मार दी गई थी. हाल में रिलीज़ चर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' से शुरू हुए कश्मीरी पंडितों के मुद्दों पर तीखी बहस के बीच यह कदम उठाया गया है.
एजेंसी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ मुख्य अतिथि के रूप में स्कूल के नामकरण के लिए 27 मार्च 2022 को भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया था. NDMC शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने कहा, "सैक्टर -7, रोहिणी में स्थित 'एनडीएमसी प्राइमरी स्कूल 7-बी' का नाम बदलकर 'शहीद टीका लाल टपलू' कर दिया गया है. वह एक गुमनाम नायक थे और यह दिवंगत नेता को हमारी ओर से एक श्रद्धांजलि है."
कौन थे टीकालाल टपलू?
टीकालाल टपलू ने 1945 में पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुए और आर्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएट (MA) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री प्राप्त की. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े थे और 1971 में जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के एक वकील के रूप में काम करने लगे. वह अपने सामाजिक कामों के कारण एक बेहद लोकप्रिय नेता बन गए.
जुलाई 1988 में, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने भारत से कश्मीर को अलग करने की मांग करते हुए एक अलगाववादी विद्रोह आंदोलन शुरू किया. अधिवक्ता और भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के उपाध्यक्ष टीका लाल टपलू उनका पहला निशाना थे. 14 सितंबर 1989 को, उन्हें JFKL ने श्रीनगर में उनके घर पर मार दिया था. इस वीभत्स हत्या का मकसद घाटी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं के दिलों में डर पैदा करना था.
अपनी हत्या से पहले, टपलू को अलगाववादियों से कई धमकियां मिली थीं और उन पर भी हमला किया गया था, लेकिन उन्होंने उन्हें फिर से हमला करने की चुनौती दी. 14 सितंबर को आतंकवादियों ने चिंकारा मोहल्ला स्थित उनके आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में उनके नाम का भी उल्लेख किया गया है. केंद्रीय नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्कूल का नाम उनके नाम पर रखने की प्रेरणा इसी फिल्म से मिली. केंद्रीय मंत्री सिंह ने समारोह की तस्वीरें ट्वीट कीं और हिंसा के बाद कश्मीरी पंडितों के पलायन को याद किया.
"In aftermath of Kashmiri Pandit exodus & overwhelming terror that followed,voter turn out in 1996 &subsequent elections remained around 10%,which National Conference,Cong manipulated to get their members elected as MLAs,MPs": School in #Delhi named after Tika Lal Taploo.. pic.twitter.com/68CXkWTUnH
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) March 27, 2022
इस मौके पर उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह, बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता मौजूद थे.