चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते... जिसकी बदौलत उन्होंने ताकतवर मुगलों को धूल चटाई थी. देश के वीर मराठा सम्राट बाजीराव प्रथम का निधन 28 अप्रैल 1740 में हुआ था. जानें उनके बारे में:
1. बाजीराव का जन्म 18 अगस्त 1700 में हुआ था. उन्हें 'बाजीराव बल्लाल' तथा 'थोरले बाजीराव' के नाम से भी जाना जाता है.
2. पिता पेशवा बालाजी विश्वनाथ राव के निधन के बाद वे मराठा के नौ पेशवों में सबसे प्रभावशाली थे.
3. पिता की मृत्यु हो जाने के बाद उन्हें 20 साल की उम्र में पेश्ावा बना दिया गया था.
4. 12 साल की उम्र में उन्होंने पहला युद्ध लड़ा था, हिंदुस्तान के इतिहास में बाजीराव अकेले ऐसे योद्धा थे, जिसने 41 लड़ाइयां लड़ीं और एक भी नहीं हारी.
5. उन्होंने गुजरात, मध्य भारत और कई दूसरे राज्यों में मुगलों को हराकर मराठा साम्राज्य का विस्तार किया था.
6. छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह वह बहुत कुशल घुड़सवार थे. घोड़े पर बैठे-बैठे भाला चलाना, बनेठी घुमाना, बंदूक चलाना उनके बाएं हाथ का खेल था. घोड़े पर बैठकर बाजीराव के भाले की फेंक इतनी जबरदस्त होती थी कि सामने वाला घुड़सवार अपने घोड़े सहित घायल हो जाता था.
7. साल 2015 में उनके जीवन पर संजय लीला भंसाली ने बाजीराव-मस्तानी बनाई थी.
8. बाजीराव शिव भक्त थे. युद्ध पर जाने से पहले वे 'हर-हर महादेव' का उद्घोष जरूर करते थे.
9. 1740 का समय था, जब बाजीराव अपनी सेना के साथ खरगांव में थे, इतिहासकारों के मुताबिक इस यात्रा के दौरान बाजीराव को तेज बुखार हुआ था. यह बुखार कुछ हफ्तों तक चलता गया लेकिन कम होने की संभावना नहीं बनी. आखिरकार यही बुखार बाजीराव की मृत्यु का कारण बना.