तबले पर अपनी उंगलियों और हाथ की थाप से जादू पैदा करने वाले 'तबला सुल्तान' जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में आज ही के दिन हुआ था. तबले की थाप से दुनिया में अपनी छाप बनाने वाले जाकिर हुसैन ने वैश्विक स्तर पर अपनी कला का लोहा मनवाया.
आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में..
जाकिर हुसैन मशहूर तबला वादक कुरैशी अल्ला रक्खा खान के पुत्र हैं. अल्ला रक्खा खान भी तबला बजाने में माहिर माने जाते थे. उनका बचपन मुंबई में ही बीता.
हुमायूं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां और तथ्य
शिक्षा
मुंबई में पैदा हुए जाकिर ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की. 11 साल की उम्र में अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया. जिसके बाद हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया. 1973 में उनका पहला एलबम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' आया था. जिसके बाद तो जैसे जाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज को दुनिया भर में बिखेरेंगे. 1973 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे. वह भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं ही साथ ही विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रुप से लोकप्रिय हैं .
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पुरस्कार
जाकिर को पद्म श्री, पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाजा गया है. जाकिर, बिल लाउसवैस के ग्लोबल म्यूजिक सुपरग्रुप 'तबला बीट साइंस' के संस्थापक सदस्य हैं.
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'हिट एंड डस्ट' और 'साज' सहित उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है. 1992 में 'द प्लेनेट ड्रम' और 2009 में 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए उन्होंने 2 ग्रैमी अवार्ड मिले. जाकिर की शादी एंटोनिया मिनीकोला से हुई जो एक कत्थक डांसर और शिक्षिका हैं. वो जाकिर की मैनेजर भी हैं. इन दोनों की बेटियां हैं अनीसा कुरैशी और इजाबेला कुरैशी.