फैशन शो की कल्पना करते ही आंखों के सामने रैंप, रोशनी, खूबसूरत मॉडल्स आते हैं. अलग अलग तरह के लिबासों में एक पारंपरिक तरीके से रैंप पर चलती मॉडल्स के शरीर भी एक ढांचे में ढले होते हैं. वहीं एक आदिवासी फैशन शो में उतरी एक मॉडल ने सबको तब चौंका दिया जब लोगों ने देखा कि उसके हाथों में एक छोटा-सा बच्चा था. अपने दुधमुंहे बच्चे को सफेद रंग के कपड़े में खुद के साथ लपेटे इस मॉडल का नाम हैं अलीशा गौतम उरांव. अलीशा कई सालों से मॉडलिंग कर रही हैं, लेकिन उनका एक ये शो खास बन गया. aajtak.in ने अलीशा से बातचीत करके उनकी बच्चा लेकर रैंप पर आने की वजह और उनके बारे में पूछा. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया.
मॉडल अलीशा गौतम उरांव ने aajtak.in से बताया कि नेटिव जतरा आदिवासी फैशन शो कुछ दिनों पहले हुआ था. इस फैशन शो में मेरी बेटी भी मेरे साथ गई थी. रैंप वॉक का जब समय आया तो मेरी दस महीने की बेटी नायरा जिद करने लगी, वो मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी. जब मेरी बारी आई तो मैंने गमछे में बच्चे को लपेटा और सीधे रैंप पर उतर गई. मुझे पता नहीं था कि लोग कैसा रिऐक्शन देंगे.
मगर, यहां जो हुआ उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. मुझे देखते ही पूरा ग्राउंड तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. सुमंगल नाग डिजाइनर के इस शो में मैंने पारंपरिक पड़िया साड़ी के साथ ट्राइबल ज्वेलरी पहन रखी थी. यहां से मैंने जब कहा कि अगर मां बच्चे को लेकर खेत की रोपाई कर सकती है तो रैंप पर क्यों नहीं चल सकती. बच्चे होने का मतलब करियर खत्म हो जाना नहीं है. फिर यहां से मेरे बेटी के साथ रैंप पर चलने का फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा. हर कोई मुझे फोन करने लगा. ये शो मेरा सबसे हिट शो बन गया.
मॉडल अलीशा कहती हैं कि मेरा बचपन से सपना था कि मैं मॉडलिंग में करियर बनाऊं. लेकिन ऐसी परिस्थितियां नहीं बनीं कि मैं रांची से बाहर जाकर मॉडलिंग कर पाती. इसलिए मैंने यहीं शो किए. मैंने अपनी पसंद से शादी की, मेरे पति सिनेमैटोग्राफर हैं. शादी के बाद भी मैंने अपने सपने कमजोर नहीं होने दिए.
मेरी दो बेटियां होने के बाद मैं फिर से रैंप पर उतरी हूं और इस शो ने मेरा कॉन्फीडेंस और ज्यादा बढ़ा दिया है. मैं अपनी फिटनेस के लिए घर का सारा काम करती हूं. मैं एक बहुत सामान्य महिला की तरह जीवन जीती हूं, अपने बच्चे को गोद में लेकर ही मुझे बहुत सारा काम करना पड़ता है, लेकिन इससे मुझे एक अलग ऊर्जा मिलती है. मेरे पति अपने काम को लेकर बिजी रहते हैं तो मुझे छोटे बच्चे को साथ ही रखना पड़ता है.
अलीशा की पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हुए वो कहती हैं कि मैंने द एशियन स्कूल देहरादून से स्कूलिंग और निफ्ट गांधीनगर से फैशन में ग्रेजुएशन किया है. मेरा पारिवारिक बैकग्राउंड काफी अच्छा रहा है, इसलिए मुझे हमेशा करियर बनाने का मौका मिला. मेरे नाना बंदी उरांव आईपीएस अफसर थे. वहीं मेरे पापा डॉ. प्रकाश चंद्र उरांव ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर व गवर्नर के ओएसडी रहे हैं. मां सरस्वती उरांव समाज सेविका हैं. सभी ने हमेशा मेरा सपोर्ट किया.
एथलीट थी मैं
अलीशा ने बताया कि वो स्कूल के समय एथलेटिक्स में थीं. वो अपने स्कूल की फुटबाल टीम की कैप्टन थीं. इसके बाद वालीबॉल गेम भी खेला, इसमें नेशनल लेवल की खिलाड़ी रहीं. इसके बाद उन्होंने NIFT से पढ़ाई के बाद मॉडलिंग में आने का सोचा और अब तक 12 शोज कर चुकी हैं.