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16 सितंबर: आज है मैक्सिको का स्वतंत्रता दिवस, इस दिन नहीं मिली आजादी, जानें फिर क्यों मनाते हैं जश्न

यूं तो हर दिन किसी न किसी वजह से खास माना जाता है. इस खासियत की वजह क्या है, यह जानना बेहद दिलचस्प है. आज का दिन यानी 16 सितंबर को विश्व के कई देशों में विशेष दिन माना जाता है. आज ही के दिन मैक्सिको ने स्पेन से आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया था. इसलिए 16 सितंबर को मैक्सिको अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है.

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मैक्सिको का स्वतंत्रता दिवस
मैक्सिको का स्वतंत्रता दिवस

आज 16 सितंबर है. ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 260वां (लीप वर्ष) दिन है. इस साल को पूरा होने में अभी और 106 दिन बाकी हैं. आज की तारीख से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं जो इसे खास बनाते हैं. इतिहास में आज के दिन कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जिस वजह से इस तरीख को हमेशा याद किया जाता है. आईए जानते हैं आज के दिन देश-दुनिया में कब और कहां, क्या हुआ था, जो इस दिन को खास बनाता है. 

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16 सितंबर को मैक्सिको में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. हालांकि, इस दिन मैक्सिको को स्वतंत्रता नहीं मिली थी. मैक्सिको को 27 सितंबर 1821 को स्पेन से आजादी मिली. फिर 16 सितंबर को यहां के लोग क्यों अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं? इसके पीछे भी एक रोचक वजह है और यह कहानी लोगों को आज भी प्रेरित करती है. 

16 सितंबर को शुरू हुआ था मैक्सिकन स्वतंत्रता संग्राम
दरअसल, मैक्सिको एक लंबे संघर्ष के बाद स्पेन की गुलामी से आजाद हुआ था. स्वतंत्रता मिलने से करीब 12 साल पहले आजादी की मांग को लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई थी. यहां एक ऐसा शख्स था, जिसने पहली बार देश की आजादी की बात की और उसके लिए लोगों को एकजुट करने में लग गया. वह शख्स एक पादरी था. 16 सितंबर 1810 में पादरी मिगुएल हिडाल्गो वाई कोस्टिला ने स्पेन की औपनिवेशिक सरकार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था.

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27 सितंबर 1821 को मिली आजादी
पादरी फादर हिडाल्गो ने डोलोरेस शहर में  16 सितंबर 1810 को अपना प्रसिद्ध  ग्रिटो  युद्ध का नारा दिया था. उनके शक्तिशाली भाषण ने लोगों को मजबूत आंदोलन के लिए एकजुट कर दिया था. यह स्वतंत्रता के संघर्ष की केवल शुरुआत थी, क्योंकि मेक्सिको को 1821 तक स्पेन से पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिली थी. फिर भी यह घटना मैक्सिको के लोगों के लिए इतना खास बन गया कि हर साल 16 सितंबर को ही मैक्सिको अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने लगा.

आजादी से पहले न्यू स्पेन के नाम से जाना जाता था मैक्सिको 
16 सितंबर को मैक्सिकन स्वतंत्रता संग्राम का पहला दिन माना जाता है और उस तिथि को स्वतंत्रता दिवस मनाकर सम्मान दिया जाता है. पहले मैक्सिको पर स्पेन का कब्जा था. स्पेनिश साम्राज्य ने यहां करीब 300 सालों तक राज किया.  आजादी मिलने से पहले इसे न्यू स्पेन के नाम से जाना जाता था. आजादी मिलने के बाद न्यू स्पेन का नाम बदलकर मैक्सिकन साम्राज्य कर दिया गया था. दो साल बाद मैक्सिकन साम्राज्य का भी नाम बदल दिया गया. क्योंकि इसे एक गणराज्य के रूप में स्थापित कर इसका नाम रखा गया मैक्सिको. 

इस तरह देश का नाम पड़ा मैक्सिको
मैक्सिको को आजादी मिलने के बाद 1824 में मैक्सिकन संघीय संविधान लागू किया गया था. यह संविधान मैक्सिको को संयुक्त मैक्सिकन राज्यों के रूप में स्थापित करता है. मैक्सिको को आजादी मिलने के बाद, सभी तरह की गुलामी को अवैध घोषित कर दिया गया था. हर साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मेक्सिको  सिटी में राष्ट्रीय पैलेस की बालकनी से ग्रिटो को फिर से बजाया जाता है. कहा जाता है कि यह वही घंटी है, जिसे बजाकर पहली बार हिडाल्गो ने 16 सितंबर 1810 को मैक्सिको की आजादी के लिए संघर्ष की शुरुआत की थी. 
 
16 सितंबर 1975 में पपुआ न्यू गिनी आस्ट्रेलिया से आजादी हुआ 
सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद से पापुआ न्यू गिनी पर ऑस्ट्रेलिया का राज था. 1970 से पपुआ न्यू गिनी के स्थानीय लोगों ने स्वायत्त शासन को और अधिक बढ़ाने और ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन से अलग करने की मांग करने लगे. 1972 में गॉफ व्हिटलैम ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने पापुआ न्यू गिनी का दौरा किया. उस समय ऑस्ट्रेलिया के अधीन पापुआ न्यू गिनी के मुख्यमंत्री माइकल सोमारे थे. 1973 में व्हिटलैम ने सोमारे के शासन के तहत वहां स्वशासन की स्थापना कराई. इसके बाद 1975 में पापुआ न्यू गिनी स्वतंत्रता अधिनियम पारित हुआ और 16 सितंबर 1975 को पापुआ न्यू गिनी को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया गया.

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16 सितंबर ओजोन दिवस
16 सितंबर को ओजोन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. ओजोन की परत पृथ्वी के वायुमंडल का एक अहम हिस्सा है, जो सूर्य की पराबैगिनी किरणों को सीधे पृथ्वी पर आने से रोकती है. इसी ओजोन परत के संरक्षण के लिए 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र की ओर से मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल लागू किया गया था. इसके बाद से इस दिन को हर साल ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

16 सितंबर 1963 को मलेशिया का गठन
16 सितंबर 1963 में मलेशिया गठन उत्तरी बोर्नियो, सरवाक और  सिंगापुर पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के साथ मलाया संघ के गठन से हुआ था. इसी दिन सिंगापुर को ब्रिटिश शासन काल से भी मुक्ति मिली थी. दो साल बाद सिंगापुर मलेशिया संघ से अलग होकर अलग देश बन गया.

अन्य प्रमुख घटनाएं :
16 सितंबर 1916 को भारत की सुर सम्राज्ञी भारत रत्न एमएस सुब्बालक्ष्मी का जन्म हुआ था. इन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. संगीत के क्षेत्र में इनका अभूतपूर्व योगदान रहा है. 

16 सितंबर 1886 को 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' गीत लिखने वाले श्यामलाल गुप्त पार्षद का यूपी के कानपुर में जन्म.

16 सितंबर 1906 में ही नार्वे के रोएल्ड एमंडसन ने चुंबकीय दक्षिण ध्रुव को खोजा था.

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