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अंग्रेजों के उखड़े पांव, लॉर्ड कॉर्नवालिस का सरेंडर... और अमेरिका में आजादी का खुल गया रास्ता

आज की तारीख अमेरिका के लिए काफी मायने रखती है. आज के दिन कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बाद एक अमेरिका के लिए स्वतंत्र राष्ट्र बनाने का रास्ता खुल गया था. क्योंकि अमेरिका ने भी अंग्रेजों से आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया था. आज के दिन ही अमेरिका की सेना ने अंग्रेजों को बुरी तरह से हरा दिया था.

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जब लॉर्ड कॉर्नवालिस ने किया सरेंडर
जब लॉर्ड कॉर्नवालिस ने किया सरेंडर

19 अक्टूबर 1781 को यॉर्कटाउन, वर्जीनिया में बुरी तरह फंसे ब्रिटिश जनरल लॉर्ड कॉर्नवॉलिस ने 8,000 ब्रिटिश सैनिकों और नाविकों के साथ एक बड़ी फ्रेंको-अमेरिकी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद अमेरिकी क्रांति प्रभावी रूप से समाप्त हो गई.

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लॉर्ड कार्नवालिस अमेरिकी क्रांति के खिलाफ सबसे योग्य ब्रिटिश जनरलों में से एक थे. 1776 में उन्होंने जनरल जॉर्ज वाशिंगटन की देशभक्त सेनाओं को न्यू जर्सी से बाहर निकाल दिया और 1780 में उन्होंने कैमडेन, साउथ कैरोलिना में जनरल होरेशियो गेट्स की देशभक्त सेना पर आश्चर्यजनक जीत हासिल की थी. 

यॉर्कटाउन की लड़ाई

कॉर्नवालिस को मिला था अमेरिकी क्रांति दबाने का जिम्मा 
इन सफलताओं से उत्साहित कॉर्नवालिस का  उत्तरी कैरोलिना पर बाद का आक्रमण कम सफल रहा.  अप्रैल 1781 में वे अपनी थकी और पस्त सेना को वर्जीनिया तट की ओर ले गए. वहां वे न्यूयॉर्क शहर में जनरल हेनरी क्लिंटन की बड़ी ब्रिटिश सेना के साथ समुद्री संचार लाइनें बनाए रख सकते थे. वर्जीनिया में शहरों और बागानों पर कई छापे मारने के बाद, कॉर्नवालिस अगस्त में टाइडवाटर शहर यॉर्कटाउन में रुक गए.

यॉर्कटाउन की लड़ाई

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जॉर्ज वॉशिंगटन को मिला फ्रांस का साथ 
अमेरिका की क्रांति के नायक जनरल जॉर्ज वाशिंगटन ने अपने एक फ्रांसीसी साथी मार्क्विस डे लाफायेट को कार्नवालिस पर आक्रमण का निर्देश दिया. लाफायेट लगभग 5,000 लोगों की अमेरिकी सेना के साथ वर्जीनिया में थे. उन्हें कॉर्नवॉलिस को यॉर्कटाउन से जमीन के रास्ते भागने से रोकने का जिम्मा मिला था. 

फ्रेंच सैनिकों के साथ मिलकर की कॉर्नवालिस की घेराबंदी
इस बीच न्यूयॉर्क में वाशिंगटन के 2,500 सैनिक फ्रांसीसी अधिकारी काउंट डे रोशमब्यू के नेतृत्व में 4,000 लोगों की सेना के साथ मिल गए. फिर वाशिंगटन और रोशमब्यू ने फ्रांसीसी जनरल काउंट डे ग्रास के नेतृत्व में एक बड़े फ्रांसीसी बेड़े लेकर कॉर्नवॉलिस पर हमला करने की योजना बनाई. 21 अगस्त को उन्होंने हडसन नदी को पार करके यॉर्कटाउन के दक्षिण में मार्च किया.

यॉर्कटाउन के लड़ाई में लॉर्ड कार्नवालिस ने किया था आत्मसमर्पण
यॉर्कटाउन के लड़ाई में लॉर्ड कार्नवालिस ने किया था आत्मसमर्पण.                                                         Photo Credit- Getty

पूरे यॉर्कटाउन को अमेरिकी और फ्रांसीसी सेना ने घेर लिया
15 दिनों में 200 मील की दूरी तय करके, मित्र देशों की सेना सितंबर की शुरुआत में चेसापीक खाड़ी के मुहाने पर पहुंच गई. इस बीच, एडमिरल थॉमस ग्रेव्स के नेतृत्व में ब्रिटिश बेड़ा 5 सितंबर को वर्जीनिया केप्स की लड़ाई में फ्रांसीसी नौसैनिक घेरे को तोड़ने में विफल रहा. इससे कॉर्नवॉलिस टूट गए.  डे ग्रास ने वाशिंगटन और रोशमब्यू के लोगों को चेसापीक से नीचे वर्जीनिया पहुंचाया.

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यहां वे लाफायेट की सेना के साथ मिल गए और 28 सितंबर को यॉर्कटाउन की घेराबंदी पूरी कर ली. डे ग्रास ने अपने बेड़े से 3,000 फ्रांसीसी सैनिकों को उतारा. अक्टूबर के पहले दो हफ़्तों के दौरान, 14,000 फ्रेंको-अमेरिकी सैनिकों ने डे ग्रास के युद्धपोतों की सहायता से धीरे-धीरे किलेबंद ब्रिटिश ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया.

यॉर्कटाउन के लड़ाई में लॉर्ड कार्नवालिस ने किया था आत्मसमर्पण

7,000 लोगों को लेकर एक बड़ा ब्रिटिश बेड़ा कॉर्नवॉलिस को बचाने के लिए निकला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. 19 अक्टूबर को जनरल कॉर्नवॉलिस ने 7,087 अधिकारियों और सैनिकों, 900 नाविकों, 144 तोपों, 15 गैली, एक फ्रिगेट और 30 परिवहन जहाजों के साथ  आत्मसमर्पण कर दिया. 

आत्मसमर्पण में कॉनवालिस बीमारी का बहाना कर नहीं पहुंचे
बीमारी का बहाना बनाकर, वह आत्मसमर्पण समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनके दूसरे-इन-कमांड, जनरल चार्ल्स ओ'हारा ने कॉर्नवॉलिस की तलवार को अमेरिकी और फ्रांसीसी कमांडरों तक पहुंचाया. जैसे ही ब्रिटिश और हेसियन सैनिक आत्मसमर्पण करने के लिए आगे बढ़े, ब्रिटिश बैंड ने "द वर्ल्ड टर्न्ड अपसाइड डाउन" गाना बजाया.

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दो साल बाद अमेरिका को स्वतंत्र राष्ट्र की मिली मान्यता
यॉर्कटाउन में अमेरिकी देशभक्तों की जीत ने अमेरिकी उपनिवेशों में लड़ाई को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया. 1782 में शांति वार्ता शुरू हुई और 3 सितंबर, 1783 को पेरिस की संधि पर हस्ताक्षर किए गए. इसने आठ साल के युद्ध के बाद औपचारिक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को एक स्वतंत्र और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी.

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आज की प्रमुख घटनाएं 

19 अक्टूबर 1889 को फ्रांसीसी नेता नेपोलियन बोनापार्ट ने रूस की राजधानी से अपनी सेना हटाई.

19 अक्टूबर 1919 में रूसी गृहयुद्ध के दौरान, लाल सेना की घुड़सवार सेना ने मोस्कोवस्कॉय गांव में श्वेत सेना को हराया था.
 
19 अक्टूबर 1922 में, यूनाइटेड किंगडम में प्रधानमंत्री डेविड लॉयड जॉर्ज ने इस्तीफ़ा दे दिया था. 

19 अक्टूबर 1983 में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक डाक्टर एस. चन्द्रशेखर को एक अन्य अमेरिकी वैज्ञानिक प्रो. विलियम्स फ़ाउलर के साथ 1983 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला.

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