आज के दिन 23 अक्टूबर को 1983 में लेबनान की धरती पर सैकड़ों अमेरिकी सैनिक की जान चली गई थी. लेबनान की राजधानी बेरूत दो इमारतों को विस्फोटों से भरे ट्रक से आतंकियों ने उड़ा दिया था. इन इमारतों में अमेरिकी और फ्रांसीसी सैनिक ठहरे हुए थे. धमाके में 241 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी. बेरूत बैरक बम विस्फोट नाम से भी जाना जाता है.
बेरूत बैरक बम विस्फोट आत्मघाती बम विस्फोटों की एक श्रृंखला थी, जो 23 अक्टूबर, 1983 को बेरूत, लेबनान में हुई थी. इस विस्फोट में मारे गए अमेरिकी मरीन जो लेबनान में बहुराष्ट्रीय बल का हिस्सा थे लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान एक शांति मिशन का हिस्सा थे. जब हमला हुआ तब अमेरिकी मरीन बेरूत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मरीन बैरक में तैनात थे.
लेबनान गृह युद्ध के बीच एक शांति सैन्य मिशन पर थे अमेरिकी सैनिक
1975 में लेबनान में गृहयुद्ध छिड़ गया था. काफी समय से चल रही अस्थिरता को खत्म करने और शांति बहाली के लिए वहां एक बहुराष्ट्रीय बल (MNF) तैनात की गई थी. लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान एक सैन्य शांति अभियान तहत 20 अगस्त, 1982 को 800 अमेरिकी मरीन सहित एक बहुराष्ट्रीय बल को मदद करने के लिए बेरूत जाने का आदेश दिया गया. इसमें फ्रांसीसी सैनिक भी मौजूद थे.
एक के बाद एक दो विस्फोटों को दिया गया था अंजाम
23 अक्टूबर को एक लेबनानी आतंकवादी ने बेरुत में अपने बम से लदे ट्रक को तीन गार्ड पोस्टों और मरीन बैरक की लॉबी में घुसाकर विस्फोट करा दिया. इस आत्मघाती हमले में 241 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए. उसी सुबह, एक अलग आत्मघाती आतंकवादी हमले में 58 फ्रांसीसी सैनिक दो मील दूर अपने बैरक में मारे गए. दोनों बम विस्फोट एक दूसरे से कुछ ही मिनटों के अंतराल पर हुए.
हिजबुल्लाह से जुड़ा था घटना को अंजाम देने वाला समूह
दावा किया जाता है कि इन हमलों को इस्लामिक जिहाद नामक आतंकवादी समूह ने अंजाम दिया था, जो ईरान और हिजबुल्लाह से जुड़ा हुआ था. बेरुत में इन हमलों में कुल 307 लोग मारे गए थे. इनमें 241 अमेरिकी, 58 फ्रांसीसी सैन्यकर्मी, छह नागरिक और दो हमलावर शामिल थे.
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इस साल मारा गया बेरूत बैरक विस्फोट का आरोपी
पिछले महीनें इजरायली सेना ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष सैन्य कमांडर इब्राहिम अकील को मार गिराया. हिजबुल्लाह ने अकील की मौत की पुष्टि की. कहा जाता है कि यही इब्राहिम अकील 1983 में अमेरिकी बैरक में ट्रक से विस्फोट कराने में शामिल था. लंबे समय से अमेरिका को इसकी तलाश थी.
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प्रमुख घटनाएं
23 अक्टूबर साल 1922 में जर्मन सेना ने सैक्सनी पर कब्ज़ा किया था और वहां के सोवियत गणराज्य को कुचल दिया था.
23 अक्टूबर साल 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फ़ौज में झांसी की रानी ब्रिगेड की स्थापना की थी.
23 अक्टूबर साल 1934 में महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता पद से इस्तीफ़ा दिया था.