आज 29 अक्टूबर है. आज के दिन ही 1956 में इजरायल ने मिस्र पर हमला बोल दिया था. इस हमले के साथ ही स्वेज संकट शुरू हो गया था. इजरायली सेना मिस्र में स्वेज नहर की ओर बढ़ने लगी थी. उस वक्त भी इस युद्ध के पीछे कई सारी वजहें थी. इस संघर्ष में इजरायल अकेला नहीं था.
स्वेज नहर की ओर बढ़ते हुए इजरायल की सेना फ्रांसीसी और ब्रिटिश सेनाओं से जुड़ गई. इसके बाद मिस्र पर संयुक्त रूप से इजरायली-ब्रिटिश-फ्रांसीसी सेना ने हमला कर दिया. इस हमले की वजह जुलाई 1956 में मिस्र के नेता जनरल गमाल अब्देल नासर द्वारा स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण था.
कुछ एक साल से तनावपूर्ण बन रही थी स्थितियां
कुछ समय से ऐसी स्थितियां बन रही थी. दो साल पहले, मिस्र की सेना ने नहर क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति (जिसे 1936 की एंग्लो-मिस्र संधि में अनुमति दी गई थी) को समाप्त करने के लिए ब्रिटिशों पर दबाव डालना शुरू कर दिया था. नासिर की सशस्त्र सेना ने दोनों देशों के बीच सीमा पर इजरायली सैनिकों के साथ छिटपुट लड़ाइयां भी लड़ीं.
मिस्र को सोवियत संघ से मिल रहे थे हथियार और धन
नासिर को सोवियत हथियार और धन मिल रहे थे. वहीं नील नदी पर असवान बांध के निर्माण के लिए यूएसए ने धन मुहैया कराने का जो वादा किया था. उससे संयुक्त राज्य अमेरिका मुकर गया. इस वजह से भी नासिर नाराज थे. इसके बाद उन्होंने स्वेज नहर को जब्त करने और उसका राष्ट्रीयकरण करने का आदेश दिया.
स्वेज नहर पर कब्जे से इंग्लैंड और फ्रांस भी थे नाराज
मिस्र के राष्ट्रपति के इस कदम से ब्रिटिश नाराज थे और उन्होंने नहर को फिर से अपने कब्ज़े में लेने के लिए सशस्त्र हमले में फ्रांस (जो मानता था कि नासिर अल्जीरिया के फ्रांसीसी उपनिवेश में विद्रोहियों का समर्थन कर रहा था) और इजरायल का समर्थन मांगा.
सबसे पहले इजरायल ने किया हमला
इसके बाद इजरायलियों ने पहले हमला किया, लेकिन यह देखकर हैरान रह गए कि ब्रिटिश और फ्रांसीसी सेनाएं तुरंत उनके पीछे नहीं आईं. भारी ताकत से बिजली गिराने के बजाय, हमला धीमा हो गया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत युद्ध विराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
यह भी पढ़ें: 28 अक्टूबर: जब बनकर तैयार हुआ स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, जानें किसने बनाई थी विशालकाय प्रतिमा
अमेरिका की पहल पर शांत हुआ मामला
सोवियत संघ ने मिस्र की सहायता के लिए आने की धमकी देना शुरू कर दिया. जल्दी ही एक खतरनाक स्थिति बन हो गई. हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोवियत संघ को इस स्थिति से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी. वहीं यूएस ने ब्रिटिश, फ्रांसीसी और इजरायली सरकारों पर भी अपने सैनिकों को वापस बुलाने का दबाव बनाया.
यह भी पढ़ें: 27 अक्टूबर: जब टला था एक बड़ा परमाणु युद्ध, ऐसे पीछे हटी थीं दो महाशक्तियां
प्रमुख घटनाएं
29 अक्टूबर 1863 में जेनेवा में 27 देशों की बैठक में अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना को मंज़ूरी मिली थी.
29 अक्टूबर 1923 में ऑटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद तुर्की गणतंत्र बना.
29 अक्टूबर 1945 में दुनिया में पहला बॉल पॉइंट पेन बाज़ार में आया था.
29 अक्टूबर 1958 - अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया.