आज की तारीख यूं तो एक आम दिन है. फिर भी इस दिन से जुड़ी घटनाएं इसे खास बनाती है. खासकर भारत के लिहाज से तो यह एक महत्वपूर्ण दिन है. क्योंकि आज भारत के आसमान को हमारे लिये सुरक्षित करने वाले और देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों की छक्के छुड़ा देने वाले भारतीय वायुसेना का स्थापना दिवस है.
8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना हुई थी. उस वक्त ब्रिटिश शासन की सहायक वायुसेना के रूप में इसकी स्थापना की गई थी. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के जवानों के साहस के कारण इसके नाम के आगे रॉयल लगा दिया गया. इस तरह इसका नाम रॉयल इंडियन एयरफोर्स हो गया था.
भारतीय वायु सेना अधिनियम 1932 के तहत इसकी स्थापना हुई थी. इसके तहत रॉयल एयर फोर्स की वर्दी, बैज, ब्रेवेट और प्रतीक चिह्न लागू किया गया. 1 अप्रैल 1933 को, IAF ने अपना पहला स्क्वाड्रन, नंबर 1 स्क्वाड्रन, चार वेस्टलैंड वापिटी बाइप्लेन और पांच भारतीय पायलटों के साथ कमीशन किया.
दूसरे विश्व युद्ध में निभाई अहम भूमिका
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने बर्मा में जापानी सेना की बढ़त को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यहां पहली बार भारतीय वायुसेना ने हवाई हमला किया. इस पहले मिशन का लक्ष्य अराकान में जापानी सैन्य अड्डा था. इसके बाद उत्तरी थाईलैंड में माई होंग सोन , चियांग माई और चियांग राय में जापानी एयरबेसों के खिलाफ भारतीय वायुसेना के हमले मिशन जारी रहे.
भारतीय वायुसेना मुख्य रूप से आरएएफ और यूएसएएएफ भारी बमवर्षकों के हमले के लिए नजदीकी हवाई सहायता, हवाई टोही , बमवर्षक अनुरक्षण और पथ-निर्धारण मिशनों में शामिल थी. आरएएफ और आईएएफ के पायलट युद्ध अनुभव और संचार दक्षता हासिल करने के लिए अपने गैर-देशी वायु विंग के साथ उड़ान भरकर प्रशिक्षण लेते थे.
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1950 में रॉयल हटाकर सिर्फ भारतीय वायुसेना रखा गया नाम
1947 में भारत को इंग्लैंड से आज़ादी मिलने के बाद भी इसका नाम रॉयल इंडियन एयर फोर्स ही था. 1950 में एक भारत को जब गणराज्य घोषित किया गया, तब रॉयल शब्द को हटा दिया गया. इस तरह इसका नाम पड़ा भारतीय वायु सेना. भारतीय वायु सेना ( आईएएफ ) भारतीय सशस्त्र बलों की वायु शाखा है. इसका प्राथमिक मिशन भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना और सशस्त्र संघर्षों के दौरान हवाई युद्ध करना है.
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आज की कुछ खास घटनाएं:
8 अक्टूबर 1860 को अमेरिका के लॉस एंजिल्स और सैनफ़्रांसिस्को के बीच टेलीग्राफ़ लाइन स्थापित हुई थी.
8 अक्टूबर, 1952 को स्वीडन में आर्ने लार्सन को दुनिया का पहला इंटरनल पेसमेकर लगाया गया था.
8 अक्टूबर, 1871 को मिशिगन और विस्कॉन्सिन के एक बड़े हिस्से में आग लग गई थी. इस आग में कम से कम 1,200 लोग मारे गए थे.
8 अक्टूबर चे ग्वेरा को बोलिवियाई सेना ने पकड़ लिया.