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स्वाति मालीवाल को क्यों नहीं निकाल रही आम आदमी पार्टी? यहां फंसा है पेच

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम के ऐलान के बाद स्वाति मालीवाल ने इसे दुखद दिन बताया. इसके बाद पार्टी ने उनसे राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा मांग लिया है.

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स्वाति मालीवाल से आप ने इस्तीफा मांगा है.
स्वाति मालीवाल से आप ने इस्तीफा मांगा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की कमान आतिशी सिंह के पास होगी. आतिशी के नाम के ऐलान के बाद से अब आप से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी चर्चा में आ गई हैं. दरअसल, स्वाति मालीवाल ने आतिशी को डमी सीएम बताते हुए कहा कि ये दिल्ली के लिए दुखद दिन है. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उनसे राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा मांगा है. लंबे समय से स्वाति मालीवाल आप नेताओं के खिलाफ बयान दे रही हैं, लेकिन फिर भी पार्टी में बनी हुई हैं. 

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ऐसे में सवाल है कि पार्टी में रहते हुए स्वाति मालीवाल के बगावती तेवर होने के बाद भी आखिर आप स्वाति को खुद बाहर से क्यों नहीं कर रही है. अगर पार्टी ऐसा कर देती है तो क्या होगा और इससे किस तरह पार्टी के लिए मुश्किल होगी. तो समझते हैं कहां फंसा है ये पेंच...

आप के पास क्या है ऑप्शन?

आम आदमी पार्टी के पास पहला ऑप्शन तो ये है कि वो स्वाति मालीवाल को निलंबित कर दे या फिर उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दे या फिर उनसे इस्तीफा मांग ले. तो जानते हैं पार्टी के किस एक्शन में क्या परिस्थिति बन जाएगी... 

अगर पार्टी निलंबित कर दे तो क्या होगा?

ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी स्वाति मालीवाल को पार्टी से निलंबित करती है तो उन्हें पार्टी का निर्देश मानते रहना होगा. लेकिन, इससे स्वाति मालीवाल के लिए ये फायदा होगा कि उन्हें राज्यसभा के सदस्य बने रहने में कोई दिक्कत नहीं रहेगी और वो सांसद बनी रहेंगी. 

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अगर बर्खास्त कर दे तो क्या होगा?

वहीं, अगर पार्टी उन्हें बर्खास्त कर देती है तो इस स्थिति में पार्टी के लिए नुकसान होगा. ऐसे में स्वाति मालीवाल पार्टी से बाहर तो हो जाएंगी, लेकिन वो सांसद बनी रहेंगी. इसके साथ ही उन्हें पार्टी का कोई आदेश भी नहीं मानना होगा. दूसरी ओर, सदन में आप का एक सांसद कम हो जाएगा. अगर आप उन्हें बर्खास्त भी करती है तो स्वाति मालीवाल सांसद रहते वक्त तक किसी दल को ज्वाइन नहीं कर सकती हैं.

कब पार्टी खत्म करवा सकती है सदस्यता?

स्वाति मालीवाल की संसद सदस्यता दो परिस्थितियों में जा सकती है. या तो वो खुद पार्टी से इस्तीफा दे दें या फिर पार्टी की ओर से जारी किसी निर्देश का उल्लंघन करते हुए वह पार्टी लाइन के खिलाफ सदन में वोटिंग करे या वोटिंग से अनुपस्थित रहे. इस स्थिति में पार्टी सदस्यता खत्म करवा सकती है और इसके लिए खास प्रावधान है. इसके लिए पार्टी को अपने सदस्य के खिलाफ 15 दिनों के भीतर शिकायत करने की जरूरत होती है. इसके बाद स्वाति मालीवाल की सदस्यता मुश्किल में आ सकती है. 

ऐसे में आम आदमी पार्टी चाहेगी कि स्वाति मालीवाल या तो खुद इस्तीफा दे दें या फिर सदन में पार्टी के खिलाफ कोई वोट आदि करे ताकि वो उनकी सदस्यता खत्म करवा सके. पार्टी से बर्खास्त करने में स्वाति मालीवाल निर्दलीय सांसद के रुप में सदन की सदस्य रहेंगीं. 
 

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