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1946 से लाखों घरों तक दूध पहुंचा रहा AMUL, जानें कैसे शुरू हुई देश की सबसे भरोसेमंद मिल्‍क कंपनी

Amul Milk Company: आनंद मिल्‍क यूनियन लिमिटेट (AMUL) एक डेयरी सहकारी संस्था है जो गुजरात के आणंद में स्थित है. इसकी स्‍थापना साल 1946 में की गई थी. अमूल ब्रांड, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) के आधीन है.

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(Photo Credit: AMUL)
(Photo Credit: AMUL)

Amul Milk Company: अमूल मॉडल ने भारत को दुनिया में सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद की है. आज देशभर में अमूल की 144,500 डेयरी सहकारी समितियों में 15 मिलियन से अधिक दुग्ध उत्पादक अपना दूध पहुंचाते हैं. उनके दूध को 184 जिला सहकारी संघों में प्रोसेस किया जाता है और 22 राज्य मार्केटिंग संघों द्वारा इनकी मार्केटिंग की जाती है. यह हर दिन लाखों लोगों तक दूध पहुंचाता है.

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आनंद मिल्‍क यूनियन लिमिटेट (AMUL) एक डेयरी सहकारी संस्था है जो गुजरात के आणंद में स्थित है. इसकी स्‍थापना साल 1946 में की गई थी. अमूल ब्रांड, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) के आधीन है. GCMMF का राज्य में लगभग 3 मिलियन दूध उत्पादकों के पास संयुक्त रूप से स्वामित्व है.

कैसे हुई शुरुआत

एक समय तक दुग्‍ध उत्‍पादक अपना दूध बिचौलियों और व्‍याप‍ारियों को बेचने को मजबूर थे, मगर इनकी शोषणपूर्ण नीतियों के चलते यह जरूरत महसूस की गई कि एक सहकारी समिति स्‍थापित की जाए जिसमें दुग्‍ध उत्‍पादकों के ही प्रतिनिधि हों, और यह समिति दुग्‍ध उत्‍पादकों के हितों का ध्‍यान रखें.

डेयरी एजेंट्स और व्यापारियों द्वारा दूध बेचने वालों के शोषण को देखते हुए अमूल सहकारी का गठन किया गया था. 1946 में बिचौलियों के शोषण को रोकने के लिए कंपनी को रजिस्‍टर किया गया. स्थानीय व्यापार कार्टेल द्वारा अपनाई जाने वाली शोषक व्यापार नीतियों ने सहकारी आंदोलन को गति दी. तब, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने फैसला किया कि यही दृष्टिकोण राष्ट्रीय डेयरी विकास नीति का आधार बनना चाहिए. 1950 से डेयरी चलाने का काम श्‍वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन और संस्थापक अध्यक्ष त्रिभुवनदास पटेल के कंधों पर रहा.

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सहकारी यूनियन की स्थापना के साथ ही अब किसानों के पास डेयरी का स्वामित्व था. उनके चुने हुए प्रतिनिधियों ने ग्रामीण समाजों और जिला संघ का प्रबंधन किया. उन्होंने प्रोफेश्‍नल्‍स को डेयरी संचालित करने और इसके व्यवसाय का प्रबंधन करने के लिए नियुक्त किया. अमूल मॉडल ने भारत को दुनिया में सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद की है. 

आज है इतना बड़ा बिजनेस

कंपनी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, आज GCMMF हर दिन 18,600 गांवों से 2 करोड़ 60 लाख लीटर से अधिक दूध एकत्र करता है. इसके प्रोडक्‍ट्स में मिल्‍क, मिल्‍क पाउडर, हेल्‍थ बेवरेज, घी, मक्‍खन, चीज़, पिज्‍जा चीज़, आइसक्रीम, पनीर, चॉकलेट और पारंपरिक भारतीय मिठाईयां शामिल हैं.

 

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