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APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: इमली के बीज बेचे, स्टेशन पर 'फेंके' अखबार, ऐसा था कलाम साहब का बचपन

APJ Abdul Kalam Birth Anniversary 2022: कलाम के पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे लेकिन उस समय किसी को कहां पता था कि भारतीय इतिहास में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. आज एपीजे अब्दुल कलाम की 91वीं जयंती है.

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APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: एपीजे अब्दुल कलाम की जंयती आज
APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: एपीजे अब्दुल कलाम की जंयती आज

APJ Abdul Kalam Birth Anniversary 2022: भारत के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइलमैन अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की आज 91वीं जयंती है. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम और माता का नाम आशिमा जैनुलाब्दीन था. कलाम के पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे लेकिन उस समय किसी को कहां पता था कि भारतीय इतिहास में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. क्योंकि उनका बचपन गरीबी में बिता था. पिता मछुवारों को नाव किराए पर देकर 10 बच्चों का पालन-पोषण करते थे. शायद इसी वजह से कलाम ने भी छोटी सी उम्र में पैसों की कीमत समझ ली थी.

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इमली के बीजों से रोजाना कमाते थे एक आना
1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कलाम महज 8 साल के थे जब उन्होंने रोजाना एक आना कमाना शुरू कर दिया था. वह समझ नहीं पाए थे कि अचानक इमली के बीज महंगे क्यों हो गए. डॉ. ऐ पी जे अब्दुल कलाम के लेखक सचिन सिंहल अपनी किताब में लिखते हैं कि शायद कलाम को भी नहीं पता था कि क्यों इमली के बीजों के दाम बढ़ गए लेकिन उन्होंने इमली के बीजों को इक्ट्ठा करना शुरू कर दिया. 

वे इमली के बीज इक्ट्ठा करते थे और मस्जिद के पास वाली सड़क पर बेच आते थे, जिससे दिनभर में उन्हें एक आने की की कमाई हो जाती थी. दरअसल, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान  इमली के बीजों का पीसकर एक खास किस्म का पाउडर बनाया जाता था. जिसका इस्तेमाल युद्ध में काम आने वाली गाड़ियों के ईंधन बनाने के लिए किया जाता था.

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स्टेशन पर अखबार फेंकने का भी काम किया
कलाम अपने चचेरे भाई शमसुद्दीन से बहुत प्रेरित थे. शमसुद्दीन उस समय स्टेशन पर अखबार उतारने का काम करते थे. वर्ल्ड वॉर 2 के समय भारत को अलाइड फोर्सेज जॉइन करने के लिए कहा गया, देश में इमरजेंसी जैसी हालात बन गए थे. रमेश्नवरम और धनुषकोडी स्टेशन पर ट्रेनें रुकनी बंद हो गईं. जहां पहले अखबार ट्रेन से उतारे जाते थे, अब फेंके जाने लगे. शमसुद्दीन को उस वक्त एक साथी की जरूरत थी. तब कलाम ने ट्रेन से अखाबर के बंडल फेंकने का काम करना शुरू कर दिया. इसके लिए उन्हें मेहनताना मिलता था.

साल 2002 में राष्ट्रपति बने थे अब्दुल कलाम
भारत सरकार ने 1981 में कलाम साहब को पद्म भूषण और फिर 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. भारत रत्न पाने वाले वे देश के तीसरे राष्ट्रपति हैं और उनसे पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन को भरात रत्न दिया गया. एपीजे अब्दुल कलाम को 1992 में 1999 में रक्षा सलाहाकार नियुक्त किया गया. इसी दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1996 में पोखरण में दूसरी बार परमाणु परीक्षण किया. अब्दुल कलाम को 2002 में भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया था.

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