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रेलवे ट्रैक पर क्यों पड़े होते हैं पत्थर? एक नहीं, तीन-तीन हैं कारण

Things To Know: रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थर तो हम सबने देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थर सुरक्षा के लिहाज से भी काफी जरूरी होते हैं. आइए जानते हैं कारण.

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Why Do Railway Tracks Have Stones (Representational Image)
Why Do Railway Tracks Have Stones (Representational Image)

Did You Know: रेलवे से देश के ज्यादातर लोगों ने सफर किया होगा. ट्रेन से सफर करते वक्त हमें तरह-तरह की चीजें देखने को मिलती हैं. इसमें जो एक चीज हमेशा देखने को मिलती है, वो हैं रेलवे ट्रैक पर बिछे नुकीले पत्थर. क्या आपने सोचा है कि ये पत्थर रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं? इनको बिछाने का एक नहीं बल्कि तीन-तीन कारण हैं. आइए जानते हैं. 

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पहला कारण: जब ट्रेन तेज गति से ट्रैक पर चलती है तो ऐसे में ये नुकीले पत्थर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं. जिससे ट्रेन का बैलेंस बना रहता है. पहले ट्रैक ने नीचे की पट्टी यानी स्लीपर्स लकड़ी के बने होते थे, लेकिन बाद में मौसम और बारिश की वजह से ये गल जाती थीं और उससे रेल हादसा होने का खतरा बना रहता था. ट्रैक के पत्थर कंक्रीट की स्लीपर्स को मजबूत, लंबे समय तक टिकने में मदद करता है और ट्रैक पर पड़े पत्थर इसे जकड़ कर रखते हैं.

दूसरा कारण: जब ट्रेन रेलवे ट्रैक से गुजरती है तो काफी शोर और तेज कंपन होता है. ट्रैक के पत्थर इसे शोर को कम करते हैं और कंपन के समय ट्रैक के नीचे की पट्टी यानी स्लीपर्स को फैलने से रोकते हैं. ये पत्थर सुरक्षा के लिहाज से काफी ज्यादा जरूरी होते हैं. 

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तीसरा कारण: रेलवे ट्रैक पर पेड़-पौधे को उगने से रोकने के लिए भी इन पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि ट्रेन के ट्रैक पर पेड़ पौधे उगने से ट्रेन की स्पीड में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं.

रेलवे ट्रैक के पत्थरों को बैलेस्ट कैसे बनते हैं? 
दरअसल, रेलवे ट्रैक पर बिखरे पड़े पत्थर-गिट्टी या जिन्हें ट्रैक बैलेस्ट भी कहते हैं, उन्हें बनाने में ग्रेनाइट, ट्रैप रॉक, क्वार्टजाइट, डोलोमाइट या चूना पत्थर के नेचुरल डिपॉजिट का इस्तेमाल किया जाता है.
 

 

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