अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक स्टेट के एक खूंखार आंतकी को पकड़े जाने की घोषणा की है. ये वो ही आतंकी है, जिसने 2021 में हुए काबुल एयरपोर्ट अटैक को अंजाम दिया था. साल 2021 में काबुल हवाई अड्डे पर हुए अटैक में 13 अमेरिकन सर्विस मेंबर और 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इस आंतकी का नाम मोहम्मद शरीफुल्लाह है. खास बात ये है कि इस आंतकी को पाकिस्तान की मदद से पकड़ा गया है.
आतंकी को पकड़े जाने की जानकारी ट्रंप ने अपनी कांग्रेस स्पीच में दी थी और उन्होंने कहा था कि जल्द ही उसे अमेरिका में लाया जा रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कई मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने बताया कि़ संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दी थी, जिस वजह से इस्लामिक स्टेट के टॉप लीडर मोहम्मद शरीफुल्लाह को पकड़ा गया है, जिसने काबुल हवाई अड्डे के एबी गेट एंट्री गेट पर हमले की साजिश रचने में मदद की थी.
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि अफ़गानिस्तान के शरीफुल्लाह को अफ़गानिस्तान से सटी सीमा से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने गिरफ़्तार किया है. बता दें कि काबुल में हुए इस अटैक से अमेरिका को काफी आघात पहुंचा था और ट्रंप ने भी इसे देश के लिए सबसे शर्मनाक क्षण माना है. हालांकि ट्रंप ने अपनी स्पीच में आतंकी का नाम नहीं लिया है और पाकिस्तान सरकार का इसे पकड़ने को लेकर शुक्रिया अदा किया है.
कौन है ये आतंकी?
शरीफुल्लाह इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत का लीडर है, जिसे ISIS-K के नाम से भी जाना जाता है. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि सीआईए और एफबीआई को 10 दिन पहले सूचित किया गया था कि पाकिस्तान ने शरीफुल्लाह को पकड़ लिया है और वह बुधवार को अमेरिका पहुंचने वाला है.
ISIS-K के आतंकी मोहम्मद शरीफुल्लाह ने हमले को लेकर FBI को बताया कि उसे अगस्त 2021 में हुए बम विस्फोट के लिए काबुल हवाई अड्डे के पास एक रूट की तलाश करने का काम सौंपा गया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा उसका काबुल दूतावास के गार्ड पर बमबारी और 2024 में मॉस्को नाइट क्लब पर हुए हमले के लिए हथियार ट्रेनिंग देने जैसे कामों में हाथ था.
बताया जाता है कि वो साल 2016 में ISIS-K में शामिल हुआ था. शरीफुल्लाह को ‘जफ़र’ के नाम से भी जाना जाता है.