Dos and Donts during Earthquake: भारत समेत चीन और नेपाल में बीती रात 1:57 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. दिल्ली, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक भूकंप महसूस किया गया. भूकंप का केन्द्र नेपाल में था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 थी. यहां एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत भी हो गई. भूकंप अचानक ही आते हैं और संभलने का मौका नहीं देते. जबतक हम अपने बचाव के उपाय सोचते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है. ऐसे में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं जिसमें बताया गया है कि अचानक भूकंप आ जाने पर हम कैसे खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.
भूकंप के दौरान क्या करना है?
भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहें. ध्यान रखें कि कुछ भूकंप वास्तव में भूकंप से पहले के झटके होते हैं और बड़ा भूकंप कुछ देर में आ सकता है. अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें. तब तक घर के अंदर रहें जब तक कि भूकंप बंद न हो जाए और आप सुनिश्चित हों कि बाहर निकलना सुरक्षित है.
अगर घर के अंदर हों-
अगर बाहर हों तो-
आप जहां पर हैं, वहां से न हिलें. हालांकि, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर रहें.
यदि आप खुली जगह में हैं, तब तक वहीं रहें जब तक कंपन बंद न हो जाएं. सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लगती हैं.
यदि चलती गाड़ी में हों-
सुरक्षा अनुमति मिलते ही रुकें और अपनी गाड़ी में ही रहें. इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और तारों के पास या नीचे रुकने से बचें.
भूकंप थमने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें. सड़कों, पुलों या रैंप से बचें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.
अगर मलबे के नीचे फंस गए हों-