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हर मैच होता है एक मैच रेफरी! जानिए ये कहां बैठता है और क्या होता है इसका काम?

T-20 Cricket World Cup: टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत फाइनल में पहुंच गया है और फाइनल में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होना है. अब सभी को रविवार को होने वाले फाइनल मैच का इंतजार है.

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ICC के क्रिकेट मैच में चार अंपायर और एक मैच रैफरी होता है. (AP Photo)
ICC के क्रिकेट मैच में चार अंपायर और एक मैच रैफरी होता है. (AP Photo)

टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत ने सेमीफाइनल मैच में इंग्लैंड को हराकर फाइनल में जगह बना ली है और अब फाइनल मैच दक्षिण अफ्रीका के साथ होना है. क्रिकेट वर्ल्ड कप की वजह से अभी टीवी से लेकर फोन स्क्रीन में लोग क्रिकेट देखते नजर आ रहे हैं. आप भी मैच के शौकीन होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिकेट मैच में अंपायर के साथ एक मैच रेफरी भी होता है. आप भी सोच रहे होंगे कि ये ग्राउंड पर तो दिखाई नहीं देते तो फिर इनका क्या काम होता है? तो जानते हैं मैच रेफरी से जुड़ी कुछ खास बातें... 

कितने होते हैं अंपायर और रेफरी?

ICC के क्रिकेट मैच में चार अंपायर और एक मैच रेफरी होता है. अगर गुरुवार को हुए भारत बनाम इंग्लैंड सेमीफाइनल मैच की बात करें तो इस मैच में भी चार अंपायर थे, जिनमें  Chris Gaffaney (फील्ड-1 अंपायर), Rodney Tucker (फील्ड-2 अंपायर),  Joel Wilson (टीवी अंपायर) और Paul Reiffel (फॉर्थ अंपायर) शामिल थे. इसके अलावा एक मैच रेफरी थे, जिनका नाम था Jeff Crowe. 

क्या होता है मैच रेफरी का काम?

अंपायर का काम ग्राउंड पर खेले जा रहे मैच में फैसले लेने का होता है. अंपायर विकेट, रन, मैच एक्टिविटी को लेकर फैसला लेता है और सभी डिलिवरी का रिकॉर्ड रखता है और ओवर के आखिरी में इसके बारे में बताता है. सीधे शब्दों में कहें तो अंपायर ग्राउंड में जो क्रिकेटर्स खेलते हैं, उनके खेल से जुड़े फैसले लेते हैं. वहीं, मैच रेफरी ये सुनिश्चित करता है कि पूरा मैच नियमों और अच्छी भावना के साथ खेला जाए.

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ये इंटरनेशनल मैच में ही होते हैं और उनका काम होता है कि मैच में मर्यादा बनी रहे. जैसे मान लीजिए कोई खिलाड़ी अंपायर का फैसला नहीं मानता है या मैच में कुछ बदतमीजी करता है तो वहां मैच रेफरी का काम होता है और वो उस खिलाड़ी पर एक्शन ले सकता है या फाइन लगा सकता है. मैच रेफरी टीवी अंपायर के साथ बैठता है और पूर मैच देखता है और मैच में खिलाड़ियों की हरकतों पर नजर रखता है.  

सैलरी में कितना फर्क?

आईसीसी में मैच रेफरी और अंपायर की दो कैटगरी होती है, जिसमें एक एलिट पैनल मैच रेफरी का होता है और एक एलिट पैनल अंपायर का होता है. इसके अलावा कुछ अंपायरों का इंटरनेशनल पैन होता है और ऐसे ही मैच रेफरी का इंटरनेशनल पैनल होता है. आईसीसी के कुछ डवलपेंट अंपायर भी होते हैं. इन सभी की सैलरी अलग-अलग होती है और अंपायरों को पैसे हर मैच के हिसाब से भी दिए जाते हैं. 

अंपायर और रेफरी को एक रिटेनर फीस मिलती है, इसके साथ ही अंपायरों को हर मैच के हिसाब से फीस और अलाउंस दिए जाते हैं. एलिट कैटेगरी के अंपायर्स और रेफरी को सबसे ज्यादा पैसे मिलते हैं और ये फीस सैलरी अंपायर के अनुभव के आधार पर होते हैं. अंपायर की सैलरी की बात करें तो कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फर्स्ट क्लास मैचों के लिए प्रति मैच 40,000 रूपए दिए जाते हैं और ग्रेड बी मैच में अंपायर्स को 30 हजार रुपये तक मिलते हैं और उन्हें इसके साथ सैलरी भी मिलती है. 

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वहीं, मैच रेफरी की बात करें तो उन्हें भी हर मैच के करीब 30 हजार रुपये और सैलरी दी जाती है. हालांकि, इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, कुछ रिपोर्ट्स में इन सैलरी का दावा किया गया है. 
 

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