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कई देशों में बैन खूंखार नस्लों के कुत्तों को पाल रहे हैं? जान लें ये जरूरी सावधानियां

हमें ये पता होना चाहिए कि खूंखार नस्ल के कुत्ते कौन कौन से होते हैं, जिन्हें पालने से पहले या बाद में सावधानी या यूं कहें ट्रेनिंग बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कि वो ब्रीड कौन कौन सी हैं जिन्हें पालने से पहले सोचना जरूरी है. 

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प्रतीकात्मक फोटो (getty)
प्रतीकात्मक फोटो (getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रेनिंग और एनर्जी बर्न एक्सरसाइज जरूरी है
  • एडॉप्ट करने से पहले उसकी ब्रीड की हिस्ट्री जानें 

एक कहावत है कि कुत्ता ही इकलौता ऐसा जानवर है जो खुद से ज्यादा अपने मालिक को प्यार करता है. इंसानी सभ्यता से मेल खाती प्रजातियों में अगर देखा जाए तो डॉग ही ऐसा है जो इंसानों की ही तरह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों होता है. लेकिन लखनऊ में हुई घटना से लोगों में कुत्तों को पालने को लेकर भय भी आएगा. इस घटना में एक पिटबुल डॉग ने अपनी मालकिन को ही मार डाला. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आख‍िर ऐसा क्यों हुआ होगा.

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पेट खासकर डॉग ब्रीड मामलों के एक्सपर्ट इसका सीधा सीधा जवाब देते हैं कि हर ब्रीड ऐसी नहीं है जो घर पर बिना गाइडलाइन के पाली जाए. इसमें डॉग को दोषी बनाने से कहीं ज्यादा जरूरी है, हमारा जागरूक होना. हमें ये पता होना चाहिए कि खूंखार नस्ल के कुत्ते कौन कौन से होते हैं, जिन्हें पालने से पहले या बाद में सावधानी या यूं कहें ट्रेनिंग बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कि वो ब्रीड कौन कौन सी हैं जिन्हें पालने से पहले सोचना जरूरी है. 

AWBI (एनिमल वेलफयर बोर्ड ऑफ इंडिया) के पूर्व मेंबर और एनिमल राइट एक्ट‍िविस्ट अभिनव सरिहन बताते हैं कि आज देश के कई हिस्सों में डॉग फाइट प्रचलन में आ चुकी है. मैं सोशल मीडिया में डॉग फाइट के हजारों वीडियो अपलोड करके सरकार प्रशासन को जगाने की कोश‍िश कर रहा हूं. लेकिन अभी भी ये सिलसिला रुक नहीं रहा. डॉगो अर्जेंटीनो अमेरिकन पिट बुल टेरियर जैसे कई ब्रीड हैं जो अमेरिका सहित कई देशों में पालने के लिए बैन हैं लेकिन इंडिया के कई हिस्सों में ये आज भी मिल रहे हैं. लोग इनका फाइट या श‍िकार के लिए इस्तेमाल करते हैं जिस पर बैन लगना चाहिए.

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इससे पहले भी पंजाब में एक ऐसी घटना सामने आई थी जिसमें दादी पर उसके पोते ने खूंखार ब्रीड से अटैक कराया था. इस पर पंजाब पुलिस और राज्य सरकार कुछ नहीं कर रहे हैं. अभ‍िनव कहते हैं कि पंजाब के अंबाला में पिटबुल को बैन किया गया था, जिसे ब्रीडर ने फिर खुलवा दिया. 

क्यों पालते हैं खूंखार ब्रीड, क्या सावधानी बरतें 

अभ‍िनव कहते हैं कि अगर कोई भी खूंखार ब्रीड का बड़ा कुत्ता पाल रहा है, तो सबसे पहले उनके सामने इसका परपज होना चाहिए. अगर आप अपने कुत्ते की एनर्जी बर्न आउट नहीं करा सकते, उन्हें ट्रेन करने जैसी सावधानी नहीं बरत सकते तो बिलकुल भी ये रिस्क न लें. 

इन ब्रीड के कुत्ते पालने से बचें 

वैसे तो पिट बुल को भी नैनी ब्रीड कहा जाता है. ये अपने मालिकों और बच्चों के साथ बहुत अच्छे रहते हैं. लेकिन इनको अगर सही ट्रेनिंग नहीं मिलती और इन्हें चिढ़ाया जाता है या डराया जाता है तो ये खूंखार हो सकते हैं. वैसे भी इंडिया में अमेरिकन पिट बुल टेरियर को जेनेट‍िकली फाइट के लिए ब्रीड कर रहे हैं. इसलिए डॉगो अर्जेंटीनो अमेरिकन पिट बुल टेरियर, पाकिस्तानी बुली डॉग, रॉट वायलर जैसी ब्रीड को बिना परपज न पालें. इसकी जगह आप डॉबरमैन, लेब्राडॉर, देसी डॉग को पालिए. अभ‍िनव कहते हैं कि अगर ट्रेनिंग देंगे तो देसी डॉग ब्रीड एक अच्छे गार्ड डॉग होते हैं. 

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ये 3 बातें जरूरी 

- अगर आप डॉग लवर हैं तो सबसे पहले किसी भी डॉग को एडॉप्ट करने से पहले उसकी ब्रीड की हिस्ट्री के बारे में सही से जानें 

- किसी ऑथराइज्ड सेंटर से ही डॉग को एडॉप्ट करें और उसे अपने घर के सदस्य की तरह ही सिखाएं 

- खानपान का ध्यान रखना ट्रेनिंग और एनर्जी बर्न एक्सरसाइज करानी बहुत जरूरी है. 

डॉग मामलों के कंसल्टेंट और डॉग लवर संभव जैन कहते हैं कि मैं 16 साल से डॉग पाल रहा हूं. मेरे पास अभी चार डॉग हैं, इनमें दो इंडीज और बाकी दो अमेरिकन जर्मन ब्रीड के हैं. डॉग का स्वभाव पालने वाले पर डिपेंड होता है. अगर आप उसे एग्रेसिव बनाते हैं तो वो अच्छा व्यवहार कैसे करेगा. अपने बच्चे की तरह उन्हें पालना होता है. फाइट के लिए पाले जाने वाले ब्रीड को घर में रखना चुनौतीपूर्ण होता है. अगर पाल रहे हैं तो उसकी ट्रेनिंग बहुत अच्छी होनी चाहिए. 

 

 

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