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Independence Day 2023: 15 अगस्त को 76वां या 77वां स्वतंत्रता दिवस? जान लीजिए

Independence Day 2023 76th or 77th? भारत की आजादी के दिन से गिनती करें तो भारत स्वतंत्रता प्राप्ति की 77वीं वर्षगांठ मना रहा होगा. लेकिन 15 अगस्त 1948 से गिनती करें तो 76वें स्वतंत्रता दिवस पर आती है. जानिए इस साल भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है या 77वां?

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

Independence Day 2023 76th or 77th? भारत हर साल 15 अगस्त का दिन राष्ट्रीय उत्सव मनाता है. इस दिन के लिए भारत के कई वीर-सपूतों और वीरांगनाओं ने अपनी जान की बाजी लगाई थी और 200 साल से भी ज्यादा तक भारत पर राज करने वाले ब्रिटिश शासकों को घुटनों पर ला दिया था. 15 अगस्त 1947 में, भारत ने लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों से आजादी हासिल की. स्वतंत्रता दिवस हमारे देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने और याद करने का एक अवसर है. इस दिन देश भर के कई संस्थानों और प्रतिष्ठित इमारतों को राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रोशन किया जाता है. 

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भारत को आजादी मिलने से एक रात पहले, हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' टाइटल से एक ऐतिहासिक भाषण दिया था. जैसे-जैसे वह ऐतिहासिक दिन नजदीक आ रहा है, इस बात पर बहस चल रही है कि भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है या 77वां. आइए जानते हैं सही जवाब

भारत 2023 में 76वां या 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है?
लोगों में चर्चा है कि क्या इस दिन की गिनती 15 अगस्त, 1947 से की जानी चाहिए, जब भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना, या एक साल बाद, जब इसने पहली वर्षगांठ मनाई. आजादी के दिन से गिनती करें तो भारत स्वतंत्रता प्राप्ति की 77वीं वर्षगांठ मना रहा होगा. लेकिन 15 अगस्त 1948 से गिनती करें तो 76वें स्वतंत्रता दिवस पर आती है.

दरअसल, सरकारी एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के मुताबिक, पिछले साल यानी 15 अगस्त 2022 को 76वें स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया गया. तो, हमारी सरकार द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणाली के अनुसार, यह भारत का 77वां स्वतंत्रता दिवस होगा.

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स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे 1800 स्पेशल गेस्ट
स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले के दिनों में दिल्ली का लाल किला आकर्षण का केंद्र बन जाता है. जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रसिद्ध 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' भाषण प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से दिया था. तब से यह एक परंपरा बन गई है. दिल्ली का रेड फोर्ट, जिसे 'लाल किला' के नाम से भी जाना जाता है, भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के प्रतीक के रूप में खड़ा है. इसका ऐतिहासिक महत्व अनेक लड़ाइयों और बलिदानों का साक्षी बनने से लेकर शक्ति का प्रतीक बनने तक है. इस इमारत ने स्वतंत्रता की दिशा में भारत की यात्रा के कुछ सबसे महत्वपूर्ण अध्याय देखे हैं.

सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने वाले "विशेष अतिथियों" की एक लिस्ट जारी की है, जिन्हें सरकार ने लाल किले पर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तिरंगा फहराएंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे. इस अवसर पर पूरे भारत के उन 1800 स्पेशल गेस्ट के तौर पर इनवाइट किया गया है जिन्होंने "जीवन के विभिन्न क्षेत्रों" में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इनमें शिक्षक, नर्स, किसान, मछुआरे, मजदूर आदि लोग शामिल हैं.

 

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