रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच ट्रांसजेंडर्स की वजह से यूक्रेन आर्मी चर्चा में है. दरअसल, यूक्रेन की सेना में काम कर रहे एलजीबीटीक्यू वर्ग के सैनिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि एलजीबीटीक्यू वर्ग के सैनिकों की सर्विस को ज्यादा हाइलाइट किया जाए और उन्हें और अधिकार दिए जाए. बता दें कि यूक्रेन की सेना में ट्रांसजेंडर्स भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन क्या भारत में भी ऐसा है? क्या आप जानते हैं भारतीय सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती को लेकर क्या नियम है, क्या उन्हें फोर्स में जगह मिलती है?
क्या ट्रांसजेंडर्स को मिलती है जगह?
बता दें कि भारतीय सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती के लिए कोई नियम नहीं है यानी वे सेना में सर्विस नहीं कर सकते. हालांकि, जबसे महिलाओं को भारतीय सेना में एंट्री दी गई है, तब से सेना में ट्रांसजेंडर्स की एंट्री की डिमांड बढ़ गई है.
ट्रांसजेंडर्स पर्सन्स एक्ट 2019 के आधार पर ट्रांसजेंडर्स को हेल्थकेयर, एजुकेशन या अन्य पब्लिक सर्विस में समानता का अधिकार दिया जाता है, लेकिन अभी फोर्स में ट्रांसजेंडर्स की एंट्री नहीं हो पाई है. अगर ऐसा हो जाता है तो भारत उन 19 देशों की लिस्ट में अपना नाम एड करवा लेगा, जिनकी सेना में ट्रांसजेंडर्स भी काम कर रहे हैं.
क्या सरकार का है कोई प्लान?
बता दें कि पिछले साल इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई थी कि भारतीय सेना इस विचार कर रही है कि ट्रांसजेंडर्स को सेना में सर्विस का मौका दिया जाए और उन्हें योग्यता के हिसाब से कोई ना कोई काम दिया जाए.
इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश में एक स्टडी ग्रुप भी बनाया गया है, जिनकी सिफारिशों को लेकर आगे फैसला लिया जाएगा. इसमें कुछ सिफारिशों में कहा गया है कि उन्हें मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन ट्रेनिंग, सेलेक्शन प्रोसेस, पोस्टिंग में कोई छूट नहीं देनी चाहिए.
किन देशों में है ट्रांसजेंडर सैनिक?
दुनिया में अभी 19 देशों में ट्रांसजेंडर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें नीदरलैंड ऐसा देश है, जहां सबसे पहले साल 1974 में इस सर्विस को शुरू किया था. इसके बाद स्वीडन (1976), डेनमार्क (1978), नॉर्वे (1979) जैसे देशों ने इसकी इजाजत दी थी. इनके अलावा इजरायल, कनाडा, यूके, फ्रांस, जर्मनी, फीनलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, स्पेन जैसे देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं. वहीं, अमेरिका में इन नियमों को लेकर बदलाव होते रहते हैं.
पुलिस में क्या है व्यवस्था?
अगर पुलिस की बात करें तो यहां हर राज्य के हिसाब से अलग नियम हो सकते हैं. जैसे कुछ राज्यों की पुलिस में ट्रांसजेंडर्स ऑफिसर्स भी काम कर रहे हैं. बता दें कि साल 2015 में तमिलनाडु ने भारत की पहले ट्रांसजेंडर पुलिस ऑफिसर को अपॉइंट किया था, जबकि छत्तीसगढ़ में सबसे पहले आम भर्ती में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती की गई थी.