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International Lottery Day 2022: भारत में कब से खेली जा रही लॉटरी और कितने राज्यों में लीगल?

International Lottery Day 2022 and History of Indian Lottery: अंतरराष्ट्रीय लॉटरी दिवस लॉटरी और इसके कई लाभों का जश्न मनाने का दिन है. यह प्रत्येक वर्ष 27 अगस्त को मनाया जाता है. भारत में भी लॉटरी एक लोकप्रिय खेल है, जो 13 राज्यों में लीगल है.

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International Lottery Day 2022 (Image Source: Freepik.com)
International Lottery Day 2022 (Image Source: Freepik.com)

International Lottery Day 2022: लॉटरी किस्मत का खेल है, जिसका खेल दुनियाभर में फैला हुआ है. जून 2022 में कनाडा के ओंटारियो में कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले मजदूर बर्निस रोचा और इवान क्रंडेलज ने ओंटारियो लॉटरी के लोट्टो मैक्स ड्रॉ के दौरान 100,000 डॉलर (लगभग 80 करोड़ रुपये) की इनाम राशि जीती थी. वहीं, जुलाई के महीने में  ब्रिटेन में रहने वाले एक कपल ने अब तक लॉटरी का सबसे बड़ी इनाम राशि 195 मिलियन पाउंड यानी कि लगभग 1800 करोड़ रुपये का इनाम जीता था. शायद यही वजह कि यूनाइटेड किंगडम (UK) में हर साल 27 अगस्त को इंटरनेशनल लॉटरी डे (International Lottery Day 2022) सेलिब्रेट किया जाता है. 

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अंतरराष्ट्रीय  लॉटरी दिवस क्या है?
अंतरराष्ट्रीय लॉटरी दिवस लॉटरी और इसके कई लाभों का जश्न मनाने का दिन है. यह प्रत्येक वर्ष 27 अगस्त को मनाया जाता है. लॉटरी के खेल सदियों से खेले जाते रहे हैं और अब वे दुनिया भर में लोकप्रिय हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में पिछले साल लगभग 83% लोगों लॉटरी टिकट खरीदा था.

भारत में लॉटरी का इतिहास
वैसे तो भारत में लॉटरी बहुत पहले से खेली जा रही थी लेकिन आधिकारिक तौर पर भारत में सबसे पहले लॉटरी शुरू करने वाला राज्य केरल था. केरल राज्य सरकार ने 1967 से लॉटरी की शुरू की थी. केरल राज्य सरकार द्वारा सभी प्राइवेट लॉटरी पर प्रतिबंध लगाने के बाद इसकी शुरुआत की गई थी.

भारत के कितने राज्यों में लॉटरी लीगल है?
भारत में लीगल लॉटरी और लॉटरी के कानून राज्य के अनुसार अलग-अलग हैं. फिलहाल भारत के 13 राज्यों में लॉटरी खेलने की परमिशन है जिनमें केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. जबकि कई राज्यों में लॉटरी पर बैन लगा दिया गया था जिनमें  कर्नाटक और तमिलनाडु भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के 2015 के एक फैसले के बाद, राज्य खुद इस बात का फैसले करते हैं कि लॉटरी खेलने की अनुमति दी जाए या नहीं.

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