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ईरान ने मस्जिद पर लगाया लाल झंडा, क्या है मतलब? अरबी में लिखी ये बात

Red Flag Meaning: इजरायल की ओर से हमास के प्रमुख इस्माइल हनीयेह के मारे जाने के बाद ईरान ने अपनी एक मस्जिद में लाल रंग का झंडा लगा लिया है. जानते हैं इसका क्या मतलब है?

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ईरान में मस्जिद पर लगाया गया लाल झंडा
ईरान में मस्जिद पर लगाया गया लाल झंडा

इजरायल ने  हमास के प्रमुख इस्माइल हनीयेह को मार गिराया है. बताया जा रहा है कि इजरायल ने 7 अक्टूबर को अपने देश में हुए खून-खराबे का बदला पूरा कर लिया है. इजरायल ने हानिया को गाजा, फिलिस्तीन या कतर में नहीं, बल्कि ईरान की राजधानी तेहरान में मारा है. इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में उस घर को ही उड़ा दिया है, जिसमें इस्माइल हानिया ठहरा हुआ था. इसके बाद ईरान ने जामकरण मस्जिद में लाल रंग का झंडा लगा लिया है. ऐसे में जानते हैं लाल झंडे का क्या मतलब है और ईरान इस लाल झंडे के जरिए क्या मैसेज दे रहा है. 

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किस मस्जिद पर लगाया लाल झंडा?

जिस मस्जिद पर लाल रंग का झंडा लगाया है, वो जामकरन मस्जिद है. ये मस्जिद ईरान की राजधानी तेहरान से 120 किलोमीटर दूर कोम में है. कोम को ईऱान का पवित्र शहर माना जाता है. इस मस्जिद को ईरान में काफी अहम माना जाता है और एक ही गुंबद होने की वजह से भी ये मस्जिद खास है. ये मस्जिद शिया मुसलमानों का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और यहां ईरान में अलग अलग जगहों से लोग आते हैं. कहा जाता है कि शिया मुसलमानों के 12वें इमाम मादी (AS) के आदेश के बाद हसन बिन मसला ने इसे बनवाया था.

क्या है लाल झंडे की कहानी?

आपको बता दें कि ईरान की ये मस्जिद दुनियाभर में अक्सर लाल रंग के झंडे की वजह से ही सुर्खियों में रहती है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इस मस्जिद पर लाल रंग का झंडा फहराया गया है. इससे पहले भी यहां ऐसा कई बार हो चुका है. इस लाल रंग का झंडा अक्सर उस वक्त फहराया जाता है, जब जब ईरान किसी की मौत या हमले का बदला लेने का ऐलान करता है. लाल झंडा दरअसल ऐलान-ए-जंग है. यानी जंग का बिगुल. 

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झंडे पर अरबी में लिखा है “या ला-थारत अल-हुसैन,” जिसका मतलब होता है, "ऐ हुसैन के बदला लेने वालों." इस झंडे को लगाने के बाद ईरान की ओर से ये मैसेज दिया जाता है कि अब ईरानी की ओर से मौत का बदला लिया जाएगा और अब एक इजरायल से बदला लेने की बात कही जा रही है. 

कब-कब फहराया गया है लाल झंडा?

हाल ही के सालों में कई बार लाल रंग का झंडा फहराया गया है. हर बार किसी प्रमुख व्यक्ति की मौत के बाद ऐसा किया जा रहा है. 

- साल 2020 की शुरुआत में भी लाल झंडा फहराया गया था. उस वक्त ईरानी कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ऐसा किया गया था. उस वक्त सुलेमानी इराक में एक अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारे गए थे.

- साल 2024 की शुरुआत में भी इस झंडे को लगाया गया था, उस वक्त कासिम सुलेमानी की मौत की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में बम विस्फोट हुआ था. इसके बाद ईरान ने बदले की बात कही थी. 

- साल 2022 में भी खबरें आ रही थीं कि सऊदी अरब पर ईरान हमला कर सकता है. उस वक्त ईरान ने नवंबर में लाल झंडा फहराया था. 

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- इसके अलावा ये झंडा अक्सर मुहर्रम के महीने में मस्जिदों पर फहराया जाता है. मुहर्रम महीने में कई बार ईरान में लाल झंडा फहराया जाता है. 

कितने दिन रहता है झंडा?

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, ये झंडा लगाया जाता है, लेकिन इसे हटाने का कोई फिक्स वक्त नहीं है. कुछ दिन बाद इसे हटा लिया जाता है और इसे लेकर कोई परफेक्ट डेट नहीं होती है. 
 

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