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क्या संसद-विधानसभाओं में टी-शर्ट और मोबाइल बैन हैं? क्यों भड़के ओम बिरला और नीतीश कुमार, जानें नियम

संसद और बिहार विधानसभा में ड्रेस कोड और फोन को लेकर आज काफी बवाल हुआ. इसके बाद चर्चा ये है कि क्या सासंदों के लिए कोई ड्रेस कोड तय किया गया है और मोबाइल को लेकर क्या नियम हैं.

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संसद में टीशर्ट पहनने और बिहार विधानसभा में फोन इस्तेमाल करने को लेकर काफी बवाल हुआ.
संसद में टीशर्ट पहनने और बिहार विधानसभा में फोन इस्तेमाल करने को लेकर काफी बवाल हुआ.

जहां एक ओर संसद में सासंद के टीशर्ट पहनने को लेकर बवाल हुआ, वहीं बिहार विधानसभा में फोन इस्तेमाल करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए. संसद में तो कुछ नारे लिखी हुई टीशर्ट पहनने पर इतना बवाल हुआ कि संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. अगर बिहार की बात करें तो वहां एक विधायक के फोन इस्तेमाल करने पर नीतीश कुमार भड़क गए और उन्होंने कहा कि संसद में फोन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे में सवाल है कि क्या सही में संसद में कोई सासंद टीशर्ट नहीं पहन सकता है और विधानसभा में मोबाइल ले जाने को लेकर क्या नियम हैं. तो जानते हैं इसका जवाब... 

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संसद में टीशर्ट और विधानसभा में फोन ले जाने से जुड़े नियम जानने से पहले जानते हैं कि आखिर आज संसद और बिहार विधानसभा में क्या हुआ...

#दरअसल, संसद में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले डीएमके सांसद टी शिवा टीशर्ट पहनकर पहुंचे थे, जिस लिखा था, “निष्पक्ष परिसीमन, तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा.” इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को नारे लिखी टी-शर्ट पहनकर न आने को कहा. इसके साथ ही हंगामे होने के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

#वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मोबाइल देखकर भड़क गए. हुआ कुछ यूं कि बजट सत्र के दौरान आरजेडी के विधायक सुदय यादव मोबाइल में देखकर सवाल पढ़ रहे थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने सदन में मोबाइल ले जाने पर उठकर आपत्ति जताई. नीतीश कुमार ने खड़े होकर कहा, "एक बात हम और कहते हैं कि ई लोग मोबाइल लेकर बात कर रहा है. सब प्रतिबंधित था. रोका हुआ था और सब मोबाइल लेकर बोल रहा है. ये कोई बात है?" 

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अब जानते हैं कि आखिर नियम क्या है...

सांसदों के लिए कोई ड्रेस कोड है?

बता दें कि भारत में संसद या विधानसभा सदस्यों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है. सासंद अपने हिसाब से किसी भी तरह के कपड़े पहन सकते हैं. जैसे जब भारत आजाद हुआ था तो सांसद खादी पहनते थे. धोती कुर्ता या फिर कुर्ता पायजामा पहना करते थे. फिर कुछ लोग हाफ जैकेट (नेहरू जैकेट) भी पहनते थे. इसके बाद सांसदों ने शर्ट-पैंट आदि पहनना शुरू कर दिया. बस ऐसा कहा जाता है कि कपड़े गरिमामय हों. ब्रिटेन में पहले सासंदों के लिए नियम था और उन्हें टाई आदि पहननी होती थी, लेकिन अब वहां भी ऐसा नहीं है. 

इस बारे में जब हमने पूर्व सासंद और दिग्गज नेता अली अनवर से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कोई ड्रेस कोड नहीं है. उन्होंने बताया, 'हर कोई अपने हिसाब से कपड़े पहनते हैं. कई धोती-कुर्ता पहनते हैं तो कोई कुर्ता-पायजामा पहनकर आते हैं. जैसे राहुल गांधी जी टीशर्ट पहनकर आते हैं. ऐसे में कपड़ों को लेकर कोई नियम नहीं है. दक्षिण भारतीय सांसद लूंगी पहनकर आते हैं. ऐसे ही कोई पगड़ी पहनता है, कोई टोपी पहनता है. ऐसे में सब अपने हिसाब से कपड़े पहनते हैं.' उन्होंने बताया कि अक्सर कोई भी बवाल कपड़ों पर लिखे नारों की वजह से होता है.

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फिर कपड़ों पर क्यों होता है बवाल?

दरअसल, जब भी सासंदों के कपड़ों पर सवाल उठता है या कोई एक्शन लिया जाता है तो वो कपड़ों की वजह से नहीं, बल्कि उन कपड़ों पर लिखे किसी ना किसी स्लोगन की वजह से होता है. जैसे साल 2021 में गुजरात के गिर सोमनाथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक विमल चूड़ासमा एक बार कुछ नारे लिखी हुई टीशर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे थे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने विमल चूड़ासमा को बाहर निकाल दिया था. उस वक्त भी इसका काफी विरोध हुआ था. 

क्या है मोबाइल को लेकर नियम?

कपड़ों की बात करने के बाद अब जानते हैं कि मोबाइल यूज करने को लेकर क्या नियम है. बता दें कि देश की कई विधानसभाओं में विधायकों के फोन इस्तेमाल पर बैन लगा हुआ है. जैसे साल 2012 में तमिलनाडु में विधायकों के फोन इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया गया था. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी है.

अगर बिहार की बात करें तो बिहार विधानसभा में भी फोन के इस्तेमाल पर बैन है. इससे पहले साल 2023 में भी विधानसभा के स्पीकर अवधेश नारायण चौधरी ने विधानसभा में कहा था कि सदन के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना नियमों के विरुद्ध है.

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