सीरिया में हुए तख्तापलट के बाद इजरायल मिडिल ईस्ट कंट्री में लगातार अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है. खबरें ये भी हैं कि इजरायल ने सीरिया में कई जगहों को निशाना बनाया है और हवाई फायर किए हैं. सीरिया में अपनी मजबूती बढ़ाने के साथ ही इजरायल ने सीरिया में एक शख्स की कब्र खोजने का भी काम शुरू कर दिया है. इजरायल जिस शख्स की कब्र खोज रहा है, उसे करीब 60 साल पहले दफनाया गया था. जानते हैं कि आखिर वो शख्स कौन है, जिसे मरने के बाद भी इजरायल खोज रहा है...
कौन है वो शख्स?
टाइम्स ऑफ इजरायल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने खुफिया एजेंसी मोसाद के सबसे चर्चित जासूस एली कोहेन की कब्र का पता लगाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इस रिपोर्ट में एक अखबार के हवाले से लिखा गया है कि सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने कब्र खोजने का काम शुरू कर दिया है.
साथ ही इजराइल ने 1982 में लेबनान के सुल्तान याकूब की लड़ाई के दौरान सीरियाई सेना के साथ संघर्ष में लापता हुए आईडीएफ (इजराइली डिफेंस फोर्स) के सैनिक त्ज़वी फेल्डमैन और यहूदा काट्ज़ की बॉडी को भी खोजना शुरू किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले 2021 में खबर आई थी कि रूस, सीरियाई अधिकारियों के साथ मिलकर दक्षिणी दमिश्क के यरमुक शरणार्थी शिविर के आसपास एली कोहेन के शव की तलाश कर रहा था, ताकि उसे इजराइल को सौंपा जा सके. इसी दौरान एक कपड़े का टुकड़ा इजरायल को दिया भी गया था, जिसे कोहेन के कपड़ों का हिस्सा बताया जा रहा था. आपको बता दें कि एली कोहेन को 1965 में सीरिया ने पकड़ लिया था और दमिश्क में फांसी दे दी थी.
सीरिया के राष्ट्रपति बनने वाले थे कोहेन
एली कोहेन मिस्र में पैदा हुए थे. साल 1957 में वे इजरायल की डिफेंस फोर्स में शामिल हो गए और यहां वे मिलिट्री इंटेलिजेंस में थे. इसके बाद उन्होंने मोसाद के साथ काम किया और सीरिया से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम किया. वे सीरिया में एक बिजनेसमैन के रुप में एंट्री पाना चाहते थे. इससे पहले वो अर्जेंटीना गए. वहां उन्होंने सीरियाई बिजनेसमैन के रुप में अपनी खास पहचान बना ली.
साल 1957 में वे अमान अल हाफिज के दोस्त बने, जो सीरिया के राष्ट्रपति बने. उनके दोस्त बने हाफिज ने तो कोहेन के लिए रक्षा मंत्री का पद देने की मांग कर दी थी और सीरिया का राष्ट्रपति के लिए ऑप्शन माना. सरकार में अहम लोगों के साथ रहकर उन्होंने सरकार के अहम दस्तावेज जुटाए और लंबे समय तक जासूसी की. लेकिन, 1965 में कोहेन पकड़े गए और उन्हें सीरिया में फांसी दे दी गई थी.