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Kisan Diwas: जब दलितों संग भोजन करने पर हॉस्‍टल की मेस ने बंद कर दिया था खाना, जानें पूरा किस्‍सा

Kisan Diwas 2022: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों को सबसे आगे लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई और हमेशा किसान अधिकारों के लिए लड़े और खड़े रहे. उनकी जयंती पर ही देश में किसान दिवस मनाया जाता है.

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Kisan Diwas 2022
Kisan Diwas 2022

Kisan Diwas 2022: देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा माने जाते थे. उनकी जयंती पर ही देश में किसान दिवस (Kisan Diwas) मनाया जाता है. ये दिन समाज में किसानों के योगदान और देश के सामाजिक आर्थिक विकास में उनकी जरूरत को समझने और इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करके किसानों को प्रोत्‍साहित भी किया जाता है.

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इस दिन को विशेष रूप से चौधरी चरण सिंह की जयंती के लिए चुना गया था, जो कि देश में किसानों के कल्‍याण के लिए काम करने वाले अग्रदूतों में से एक थे. उन्‍होंने छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों को सबसे आगे लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई और हमेशा किसान अधिकारों के लिए लड़े और खड़े रहे. चौधरी चरण सिंह के जीवन से जुड़े ऐसे कई किस्‍से हैं, जो आज भी मिसाल कायम करते हैं.

जातिवाद के विरोधी थे चौधरी चरण सिंह
किसान तक की खबर के अनुसारऐसा ही एक किस्‍सा उनके कॉलेज के समय का है जब वह आगरा से लॉ की पढ़ाई कर रहे थे. परिवारवाद के विरोधी चरण सिंह जातिवाद के भी कट्टर विरोधी थे. महात्‍मा गांधी के सहभोज आंदोलन से प्रेरित होकर वह भी एक सहभोज में शामिल हो गए जिसमें सभी जातियों के लोग साथ बैठकर भोजन कर रहे थे. 

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हॉस्‍टल की मेस ने कर दिया बहिष्‍कार
चरण सिंह के सहभोज में शामिल होने पर हॉस्‍टल प्रशासन उनसे नाराज़ हो गया. यहां तक कि एक महीने तक उन्‍हें हॉस्‍टल की मेस में खाना भी नहीं दिया गया. इसके चलते उन्‍हें हॉस्‍टल से कुछ दूर राजा मंडी बाजार में पंडित श्रीराम शर्मा के घर जाकर खाना खाना पड़ता. हालांकि, बाद में अन्‍य लोगों द्वारा मध्‍यस्‍थता किए जाने के बाद उनकी मेस में एंट्री हो पाई. लेकिन इस सब के बावजूद उनके विचारों या फैसलों में कोई बदलाव नहीं आया.

 

 

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