स्टोरी हाइलाइट्स
- भूस्खलन की संभावना के समय 3A का ध्यान रखें
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं
Landslide Safety Tips: हर साल की तरह इस बार भी मॉनसून ने विकराल रूप इख्तियार कर दिया है. शुरुआती दिनों में ही उत्तर-पूर्वी भारत में भारी बारिश के चलते हाहाकार है. जलभराव और भूस्खलन की घटनाएं भी लोगों की मौत का कारण बन रही है. अमरनाथ यात्रा हो या मुंबई, भूस्खलन ने लोगों की जान ली. हालांकि भूस्खलन या जिसे अंग्रेजी में लैंडस्लाइड भी कहते हैं. इसका कारण सिर्फ बारिश ही है, यह कहना गलता होगा. मानव गतिवधियों, जैसे कि पेड़ों-पौधों, वनस्पति के हटाने, सड़क किनारे खड़ी चट्टान को काटने या पानी के पाइपों में रिसाव से भी भू-स्खलन हो सकता है.
आपदा कभी भी और कहीं भी आ सकती है, इसे रोकना हमारे हाथ में नहीं लेकिन आपदा के समय उठाया गया हर एक कदम आपकी जान ले भी सकता है और बचा भी सकता है. आइए जानते हैं भूस्खलन या लैंडस्लाइड के समय क्या करें और क्या न करें.
क्या करें?
- नदी-नालों को साफ रखने की कोशिश करें.
- अपनी आस-पास की नालियां चेक करें, उनमें कूड़ा, पत्ते, प्लास्टिक की थैलियां, मलबा आदि न हो.
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं जो मिट्टी को जड़ों से पकड़ सकें.
- पेड़ों को तब तक न उखाड़ें जब तक कि उन्हें फिर से लगाने की व्यवस्था न हो जाए.
- भूस्खलन की संभावना के दौरान अलर्ट, अवेक और एक्टिव (3A) रहें.
अगर आप घूमने गए हैं तो क्या करें?
- मौसम विभाग या न्यूज चैनल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने का प्लान बनाएं.
- लैंडस्लाइड रोड या डाउनस्ट्रीम घाटियों से बिना समय बर्बाद किए जल्दी से दूर चले जाएं.
- चट्टानों के गिरने और इमारतों के नीचे गिरने वाले क्षेत्रों की पहचान करें.
- दरारें जो भूस्खलन का संकेत देती हैं और सुरक्षित क्षेत्रों में जाती हैं. यहां तक कि गंदा नदी का पानी भी ऊपर की ओर भूस्खलन का संकेत देता है.
- ऐसे संकेतों पर ध्यान दें और नजदीकी तहसील या जिला मुख्यालय से संपर्क करें.
- पास के शेल्टर पता लगाएं और वहां पहुंचे.
- अपने परिवार और साथियों के साथ रहने की कोशिश करें.
- घायल और फंसे व्यक्तियों को चेक करें.
- ट्रैकिंग का रास्ता चिह्नित करें ताकि आप जंगल के बीच में खो न जाएं.
- उड़ान हेलीकाप्टरों और बचाव दल को आपातकालीन समय के दौरान संकेत देने का तरीका जानें.
- असामान्य आवाजें जैसे कि पेड़ टूटना या पत्थर खिसकने की आवाज सुनें.
क्या न करें?
- निर्माण और असुरक्षित क्षेत्रों में रहने से बचने की कोशिश करें.
- घबराएं नहीं और बेवजह एनर्जी न खोएं.
- ढीली व टूटी-फूटी लगने वाली चीजों को न छुएं.
- बिजली के तारों या पोल को न छुएं या उन पर चलने की कोशिश न करें.
- खड़ी ढलानों के पास और जल निकासी रोड के पास न रुकें.
- सीधे नदियों, झरनों, कुओं से दूषित पानी न पिएं लेकिन बारिश के पानी को सीधे बिना एकत्र किया जाए तो ठीक है.