
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है, लेकिन एक समय था जब अमेरिका में क्राइम बहुत ज्यादा हुआ करता था. अगर इतिहास में जाकर अमेरिका के कुख्यात क्रिमिनल्स की बात करें तो अल कॅपोन (Al Capone) की बात जरूर होगी. अल कॅपोन की गिनती इतिहास के सबसे बड़े माफिया में होती है. आज ही के दिन यानी 18 अक्टूबर साल 1931 में अल कॅपोन को 11 साल की सजा सुनाई गई थी. आइए जानते हैं कैसे दुनिया का सबसे बड़ा माफिया बना अल कॅपोन.
साल 1920 से 1933 के बीच संयुक्त राष्ट्र में शराब के किसी भी प्रोडक्ट के उत्पादन, आयात और बिक्री पर पूरी तरह बैन था. इसी मौके का फायदा उठाते हुए अल कॅपोन ने क्राइम की दुनिया में अपनी एक पहचान बना ली. ये वही समय था जब कॅपोन के 'शिकागो आउटफिट' सहित कई गिरोह देश में अवैध रूप से शराब की तस्करी करने और अमेरिका भर में शराब बेचने वाले अवैध प्रतिष्ठानों की स्थापना करने की प्रक्रिया में शामिल हुए.
शराब की तस्करी से की भारी कमाई
शराब की तस्करी और अवैध तरीके से इसे बेचना बेशक एक चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था, लेकिन कॅपोन ने इस काम में शामिल होकर 1 साल में करीब $ 100,000,000 (2018 में $ 1,400,000,000) तक की कमाई की. इसकी वजह से कॅपोन क्राइम की दुनिया में एक के बाद आगे बढ़ता गया. आइए जानते हैं कैसे क्राइम की दुनिया में हुई थी कॅपोन की एंट्री.
...जब स्कूल टीचर पर किया हमला
कॅपोन का जन्म न्यूयॉर्क में एक इतालवी अप्रवासियों के परिवार में साल 1899 में हुआ. 14 साल की उम्र में कॅपोन की पढ़ाई-लिखाई बंद हो गई, जब इसने अपनी एक स्कूल टीचर पर हमला किया. इस घटना के बाद से कॅपोन शिकागो के एक खूंखार स्ट्रीट गैंग लीडर जॉनी टोरिओ के गैंग में शामिल हो गया. गैंग में शामिल होने के बाद कॅपोन ने धीरे-धीरे जॉनी टोरिओ का विश्वास जीता और गैंग में अपनी एक अलग जगह बना ली.
कैसे पड़ा स्कारफेस नाम?
कॅपोन 16 साल की उम्र में फाइव पॉइंट्स गिरोह का सदस्य बन गया और फ्रैंकी येल (टोरियो का सहयोगी) के ब्रॉथल-सैलून, हार्वर्ड इन में बारटेंडर का काम किया. 21 साल का होने से पहले कॅपोन कई तरह की हिंसक घटनाओं में शामिल हो चुका था. देखते-देखते कॅपोन शराब, मारपीट, ब्रॉथल समेत कई अवैध कामों में लिप्त हो गया था.
कॅपोन को कई लोग स्कारफेस के नाम से भी बुलाते थे. कॅपोन का स्कारफेस नाम पड़ने के पीछे भी एक हिंसक घटना जुड़ी हुई है. दरअसल, एक दिन हार्वर्ड इन में कॅपोन की किसी दूसरे बदमाश फ्रैंक गैलुशियों से कहासुनी हुई थी. जिसके बाद गैलुशियो ने कॅपोन के बाएं गाल पर चाकू से हमला कर दिया था. इस हमले से कॅपोन के चेहरे पर एक निशान (स्कार) पड़ गया था. इसी घटना के बाद से कॅपोन स्कारफेस के नाम से फेमस हो गया.
कैसे क्राइम की दुनिया का सबसे बड़ा नाम बना कॅपोन?
साल 1919 में जॉनी टोरियो के कहने पर कॅपोन शिकागो पहुंचा और जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया. इस दौरान जॉनी टोरियो क्राइम बॉस "बिग जिम" कोलोसिमो के लिए काम करता था. बिग जिम सैंकड़ों ब्रॉथल्स और गैंबलिंग रैकेट्स चलता था. शिकागो में इस दौरान कॅपोन ने कई ब्रॉथल्स में सिक्योरिटी गार्ड का काम भी किया. इसी दौरान उसे सिफलिस (Syphillis) हो गया. जिसकी वजह से बाद में उसकी मौत हो गई थी.
कई लोगों का मानना है कि कॅपोन ने टोरियो के कहने पर कोलोसिमो की हत्या कर दी थी. इसके बाद टोरियो ने अवैध शराब के धंधे में पूरी तरह लिप्त हो गया और कॅपोन टोरियो का राइट हैंड बन गया.
26 साल की उम्र में कॅपोन अमेरिका की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर क्राइम यूनिट को ऑपरेट करने लगा. कॅपोन अपने प्रतिस्पर्धियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों में भय पैदा करके अपने आपराधिक नेटवर्क और संगठन को बढ़ाता चला गया. जो लोग कॅपोन का साथ देने से मना करते थे, उन्हें उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती थी. ऐसी ही एक गैंग को कॅपोन की बात न मानना भारी पड़ गया. 14 फरवरी, 1929 के भयानक नरसंहार में कॅपोन का नाम सामने आया था. इस नरसंहार में उस गैंग के 7 लोगों को गोली मार दी गई थी, जिसने कॅपोन का साथ देने से मना किया था.
अल कॅपोन अपराध की दुनिया में इतना बड़ा नाम हो गया था कि पुलिस और प्रशासन के लोगों के लिए भी इसे पकड़ना मुश्किल था. अपने काले कारनामों की सजा से बचने के लिए कॅपोन सभी को रिश्वत देने लगा. कॅपोन के लिस्ट में मेयर, स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अलावा कई और बड़े नाम शामिल थे.
कैसे पाई रॉबिनहुड वाली छवि?
1920 के दशक के अंत और 1930 के दशक की शुरुआत में कॅपोन कुछ हद तक सेलेब्रिटी बन गया था. यहां तक की 24 मार्च, 1930 को टाइम पत्रिका के कवर पर उसकी तस्वीर भी छपी थी.
अपने काले कारनामों के बाद भी कॅपोन की आम लोगों के बीच रॉबिन हुक वाली छवि बनने लगी. ग्रेट डिप्रेशन के समय कॅपोन ने शिकागो में लोगों के लिए सूप किचन खोले. इसके बाद लोगों के बीच उसकी रॉबिन हुड वाली छवि बन गई. वहीं, अमेरिका में शराब बंदी लोगों को काफी पसंद नहीं आ रही थी और कई लोग कॅपोन के शराब वाले धंधे के लिए आभार व्यक्त करते थे.
कैसे हुई सजा?
एक तरफ जहां जनता के बीच कॅपोन की एक अच्छी छवि बनती जा रही थी. वहीं, कुछ अखबारों की हेडलाइन में कॅपोन का नाम गलत वजहों से शामिल हो रहा था. कई अखबारों ने कॅपोन को 14 फरवरी को हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराया. वहीं, FBI ने भी टैक्स की चोरी को लेकर कॅपोन पर जांच शुरू कर दी थी. इसके अलावा भी कॅपोन पर कई और अपराधों में भी मामले दर्ज हो गए थे.
18 अक्टूबर 1931 को कॅपोन को टैक्स चोरी के मामले में 11 साल की सजा हुई. इंवेस्टीगेटर्स और वकीलों को यह साबित करने की ज़रूरत नहीं थी कि कॅपोन गैंबलिंग, प्रॉस्टीट्यूशन और बूटलेगिंग रैकेट चलता था. उन्होंने बस ये साबित किया कि कॅपोन टैक्स चोरी के काम में शामिल है. 11 साल बाद जेल से बाहर आने बाद कुछ साल कॅपोन ने फ्लोरिडा में अपने परिवार के साथ बिताए. यहां सिफलिस के चलते उसकी मौत हुई.