स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार 4 अक्टूबर को नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को 2023 के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्हें यह पुरस्कार उनके अभिनव नाटकों और गद्य के लिए दिया गया, जो अनकही कहानी की आवाज माने जाते हैं. नाइनोर्स्क और विभिन्न शैलियों में उनके नाटकों, उपन्यासों, कविता संग्रहों, निबंधों, बच्चों की किताबों और अनुवादों का खजाना शामिल है.
इस बारे में रॉयल स्वीडिश अकादमी ने कहा कि वो आज दुनिया में सबसे अधिक प्रदर्शन करने वाले नाटककारों में से एक हैं, वह अपने गद्य के लिए भी तेजी से पहचाने जाने लगे हैं. जॉन फॉसे एक ऐसी शैली में उपन्यास लिखते हैं, जिसे 'फॉसे मिनिमलिज्म' के नाम से जाना जाता है. साहित्य में 2022 का नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नाक्स को "उस साहस और नैदानिक तीक्ष्णता के लिए दिया गया, जिसके साथ वह जड़ों, अलगाव को उजागर करती हैं." उनके कार्यों में ए वूमन्स स्टोरी एंड ए मैन्स प्लेस शामिल हैं.
इस साल फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के पियरे अगोस्तिनी, जर्मनी के फेरेंस क्रॉज और स्वीडन की एनी एल हुइलर को दिया गया है. इन तीनों ने ऐसे टूल्स विकसित किए जिससे एट्टोसेकेंड (Attosecond) के समय में इलेक्ट्रॉन्स की दुनिया देखी जा सके. एट्टोसेकेंड का मतलब होता है 1/1,000,000,000,000,000,000 हिस्सा. इसी इतने एट्टोसेकेंड में एक सेकेंड पूरा होता है. इतने ही सेकेंड में ब्रह्मांड की उम्र का पता चलता है.
एनी एल. हुइलर ने 1987 में यह देखा कि जब किसी नोबल गैस के अंदर से इंफ्रारेड लेजर लाइट को डाला जाता है, तब प्रकाश के कई ओवरटोन दिखते हैं. हर ओवरटोन का अलग साइकिल है. ऐसा इसलिए होता है, जब गैस के एटम से रोशनी टकराती है. इससे एटम के इलेक्ट्रॉन्स को अधिक ऊर्जा मिलती है. इसके बाद वह रोशन हो जाता है. एनी एल. हुइलर स्वीडन की लुंड यूनिवर्सिटी में फिजिक्स की प्रोफेसर हैं.